हर साल आने वाला गणेश चतुर्थी का पर्व इस साल 22 अगस्त को आने वाला है. यह पर्व बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है लेकिन इस साल कोरोना के संक्रमण के चलते इस पर्व को सभी से घर में मनाने के लिए कहा गया है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं श्री गणेश के विवाह के बारे में. आप जानते ही होंगे उन्होंने दो विवाह किये थे. ऐसे में आइए जानते हैं किसके साथ हुआ था उनका विवाह…?
क्यों हुए थे दो विवाह – एक पौराणिक कथा के अनुसार गणेश जी अपने शरीर को लेकर परेशान रहते थे. तुलसी जी गणेश जी को देख कर मोहित हो गई और विवाह का प्रस्ताव गणेश जी के सामने रखा. लेकिन गणेश जी ने उनके इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया. तुलसी जी इस बात से नाराज हो गईं और गणेश जी को विवाह होने का श्राप दे दिया. इस श्राप के कारण ही गणेशजी के दो विवाह हुए.
रिद्धि और सिद्धि से हुई थी शादी- पौराणिक कथा के अनुसार बनावट के चलते जब गणेशजी के विवाह में देरी होने लगी और कोई भी उनके साथ विवाह करने को तैयार नहीं था वे क्रोध में आ गए आ गए और देवताओं की शादी में बाधा डालने लगे. गणेशजी के इस कार्य से देवता परेशान हो गए. तब सभी देवता ब्रह्माजी के पास पहुंचे. तब ब्रह्माजी ने अपनी दो मानस पुत्रियां रिद्धि और सिद्धि को गणेश जी के पास भेजा. रिद्धि और सिद्धि गणेशजी को शिक्षित करने लगीं. जब भी गणेश जी के पास शादी की खबर आती रिद्धि और सिद्धि उनका ध्यान भटका देतीं. इस प्रकार से देवताओं के विवाह बिना विघ्न के संपंन होने लगे. इससे गणेशजी को और क्रोध आता. एक दिन ब्रह्मा जी ने गणेश जी के सामने रिद्धि-सिद्धि से विवाह का प्रस्ताव रखा. जिसे भगवान गणेश ने स्वीकार कर लिया. इस प्रकार से भगवान गणेश के साथ रिद्धि और सिद्धि का विवाह संपन्न हुआ.