कार्तिक मास में तीन दिवाली आती है। कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी को छोटी दिवाली जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। इसके बाद अमावस्या को बड़ी दिवाली मनाते हैं एवं पूर्णिमा को देव दिवाली मनाते हैं। आओ जानते हैं देव दिवाली मनाने के 7 खास कारण।
1.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगीवान शिव ने त्रिपुरासुर का संहार किया था जिससे वो त्रिपुरारी रूप में पूजित हुए।
2. इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था।
3. कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा को ही श्रीकृष्ण को आत्माबोध हुआ था।
4. यह भी कहा जाता है कि इसी दिन देवी तुलसीजी के प्राकट्य हुआ था।
5. देव उठनी एकादशी के दिन देवता जागृत होते हैं और कार्तिक पूर्णिमा के दिन वे यमुना तट पर स्नान कर दिवाली मानाते हैं। इसीलिए इसे देव दिवाली कहते हैं।
6. इस पूर्णिमा को ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्व प्रमाणित किया है।
7. इसी दिन गुरुनानक देवजी का जन्म हुआ था।