क्या आपको 1 मार्च से 1 किलो दूध पाने के लिए 100 रुपये चुकाने होंगे? शनिवार सुबह से ही ट्विटर पर 1 मार्च से 100 रुपये प्रति लीटर दूध बिकने की बात ट्रेंड कर रहा है। ऐसा हुआ तो पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस सिलेंडर के बाद महंगाई का सबसे बड़ा झटका होगा, क्योंकि दूध हर भारतीय परिवार में निहायत जरूरी चीजों में शुमार है।आखिर क्या है ट्विटर पर इसके ट्रेंड करने की वजह? आइये हम आपको बताते हैं इसके पीछे की पूरी सच्चाई।
दरअसल, दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसानों के धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए भारतीय किसान यूनियन के अंबाला जिला प्रधान मलकीत सिंह ने पिछले दिनों मंच से एक बयान दिया था। इसमें मलकीत सिंह ने कहा था कि एक मार्च से देशभर के किसान दूध के दामों में 50 रुपये का इजाफा करने जा रहे हैं। दूध की कीतम में 50 रुपये की बढ़ोतरी करने के बाद फिलहाल 50 रुपये लीटर बिकने वाला दूध 1 मार्च से 100 रुपये लीटर बेचा जाएगा। इसी के साथ मलकीत सिंह यह भी कहा था कि केंद्र सरकार ने डीजल के दाम बढ़ाकर किसानों को चारों तरफ से घेरने की कोशिश की है। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा ने अब दूध के दाम में 50 रुपये का इजाफा करने का फैसला लिया है। अगर केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद करने मांग नहीं मानी तो आने वाले दिनों में आंदोलन को शांतिपूर्वक आगे बढ़ाते हुए हम सब्जियों के दामों में भी इजाफा करेंगे। इसके बाद 1 मार्च से दूध का दाम 100 रुपये होने को लेकर ट्विटर पर ट्रेड हो रहा है। उधर, इस बात की पुष्टि के लिए फोन के किया तो संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से इस पूरे मसले पर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है।
ट्विटर पर शनिवार सुबह से ही ‘ #1मार्च_से_दूध_100_लीटर’ यह हैशटैग टॉप ट्रेंड में है। वहीं, इसमें एक हिंदी अखबार की कटिंग शेयर करके कहा जा रहा है कि 1 मार्च से दूध के दाम 100 रुपये लीटर कर दिए जाएंगे। अखबार की कतरन में सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के एक पदाधिकारी का नाम है।
100 रुपये लीटर पेट्रोल तो 100 रुपये kg दूध क्योें नहीं
सौ रुपये लीटर दूध बेचने से जनता को होने वाली परेशानी के सवाल पर मलकीत सिंह का कहना है कि अगर जनता 100 रुपये लीटर पेट्रोल ले सकती है तो फिर 100 रुपये लीटर दूध क्यों नहीं ले सकती। अब तक किसान एक लीटर दूध को ‘नो प्रॉफिट नो लॉस’ पर बेचता आया है। यह तो अभी शुरुआत होगी अगर सरकार फिर भी कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम दोगुने किए जाएंगे।
यहां पर बता दें कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और गाजीपुर बॉर्डर) पर किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है। किसानों तीनों कृषि कानूनों को रद करने से कम कोई शर्त मानने के लिए तैयार नहीं हैं।