बहुत से लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि मूर्ति खण्डित हो गई हो तो उनका क्या करें। क्या उनकी पूजा नहीं की जाएगी…? ऐसे ही कई सवाल, ऐसे में लोगों के मन में यह भय व्याप्त हो जाता है कि यह कोई अशुभ संकेत है और कुछ लोग इसको लेकर भ्रम भी फैलाते हैं और डराते हैं. वहीं कहा जाता है मूर्ति का खण्डित होना या मूर्ति स्वतः ही खण्डित हो गई है तो यह इस बात को बताता है कि कोई आपदा आप पर आने वाली थी वह टल गई है या उसका कुप्रभाव मूर्ति ने ले लिया है. वहीं इनसे भयभीत होने वाली कोई बात नहीं है लेकिन खण्डित मूर्तियों को लेकर इसका दायित्व बढ़ जाता है.

जी हाँ, खंडित मूर्ति का पूरी श्रद्धा और आदर के साथ विसर्जन करना चाहिए न कि किसी चौराहे पर या पेड़ के नीचे लावारिस रख देना चाहिए. इसी के साथ मूर्ति अगर फोटो फ्रेम में है और वह टूट जाती है उसको फ्रेम और कांच से अलग करके फोटो का विसर्जन करना चाहिए. इसी के साथ खण्डित मूर्ति या फोटो किसी चौराहे पर न रखें और मूर्ति मिट्टी की खरीदनी चाहिए.
इसी के साथ कहा जाता है मूर्ति प्लास्टर ऑफ पेरिस की नहीं लेनी चाहिए क्योंकि पंचतत्व मिट्टी है न कि प्लास्टर ऑफ पेरिस, इसके अलावा कोशिश करें कि मूर्ति छोटी ही हो. कई बार हम सभी ने देखा है खंडित मूर्ति को लोग किसी चौराहे पर या पेड़ के नीचे लावारिस रख देते हैं और या फिर किसी वृक्ष के नीचे भगवान की फटी हुई तस्वीरें और टूटी हुई मूर्तियां रख देते हैं लेकिन यह गलत है.
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