पृथ्वी की ओर आ रहा है खतरा
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा से आ रही खबरों की माने तो एक उल्कापिंड के रूप में बड़ा खतरा तेज गति से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। 2002-AJ129 नाम का ये उल्कापिंड धरती की ओर बहुत तेजी से आ रहा है। इसका आकार दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा से भी बड़ा है और इसके फरवरी में धरती के बहुत करीब पहुंचने की संभावना है। अगर ये पिंड पृथ्वी से टकरा गया तो हमारी दुनिया में काफी तबाही मच सकती है।
पिछले साल के बाद नई आफत
इससे पहले पिछले साल अक्टूबर महीने में दूसरी आकाश गंगा से आया एक उल्कापिंड धरती के करीब से भयानक गति से गुजरा था और सबको हिला गया था। अब इस साल की शुरूआत में ही एक नई आफत अंतरिक्ष से धरती की ओर चली आ रही है। वैज्ञानिकों का दावा है कि करीब 0.7 मील बड़ा यह पिंड 4 फरवरी के आसपास हमारी धरती के बहुत पास से होकर गुजरेगा।
हालांकि राहत की बात ये है कि यह सीधे धरती से टकराने नहीं जा रहा है, मगर नासा के मुताबिक ये बेहद शक्तिशाली और बहुत ही खतरनाक है। इस समय यह उल्कापिंड 67,000 मील प्रति घंटा यानि करीब 1,07,826 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से अंतरिक्ष में आगे बढ़ रहा है। हालांकि धरती से इसके टकराने की संभावना ना के बराबर है, लेकिन इसके बावजूद अगर किसी भी वजह से इसकी दिशा बदली तो अंजाब डरावने होंगे।
4 मिलियन किमी की दूरी
अब तक मिली जानकारी के अनुसार यह उल्कापिंड धरती से 26,15,128 मील की दूरी (42,08,641 किलोमीटर) से होकर गुजरेगा। अंतरिक्ष के मामले में ये दूरी बहुत ज्यादा नहीं मानी जाती, इसीलिए नासा इसे बड़ा खतरा मानता है। धरती से सबसे पास अगर कोई प्लैनेटरी ऑब्जेक्ट है तो वो है चंद्रमा जो कि धरती का निकटतम ग्रह है और धरती से 2,28,855 मील (3,84,400 किलोमीटर) दूरी पर स्थित है। इस लिहाज से उल्कापिंड 2002-AJ129 की दूरी धरती से कोई खास नहीं कही जा सकती।
हाइपरसॉनिक विमान से 15 गुना ज्यादा स्पीड
यह उल्कापिंड जिस गति से धरती की ओर बढ़ रहा है वो अब तक इंसानी यात्रा में प्रयोग होने वाले सबसे तेज वाहन से 15 गुना ज्यादा है। इंसान को अब तक का सबसे तेजी से यात्रा कराने वाला यान उत्तरी अमेरिका का हाइपरसॉनिक एक्स-15 एयरक्राफ्ट माना जाता है जिसके जरिए उसने 4,520 मील (7,300 किलोमीटर प्रति घंटा) तक की गति हासिल की थी, लेकिन इस उल्कापिंड की गति इससे 15 गुना अधिक तेज है।
क्या होगा अगर धरती से टकराया
2002-AJ129 उल्कापिंड बेहद खतरनाक माना जा रहा है, क्योंकि यह बेहद बड़ा है और अगर ये धरती से टकराया तो इसके भयानक परिणाम देखने को मिलेंगे। धरती से टकराने पर यह किसी बड़े न्यूक्लियर हमले जैसी स्थिति पैदा कर दकरेगा जिससे टकराहट के क्षेत्र के आस-पास कई किलोमीटर का इलाका जलकर खाक हो जाएगा। यही नहीं, कई सालों तक पूरी दुनिया पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। धरती से टकराने की स्थिति में पूरी दुनिया में भयानक ठंड हो जाएगी और धरती का तापमान 8 डिग्री तक गिर जाएगा। यानि कि हमारी धरती कई सालों के लिए हिम युग में पहुंच जाएगी।