इन दिनों कलाई के स्पिनर युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव टीम इंडिया की पहली पसंद बनते जा रहे हैं. कप्तान विराट कोहली कह चुके हैं- ‘यह जोड़ी वर्ल्ड कप-2019 में टीम के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकती है.’ तो क्या अब सीमित ओवरों के प्रारूप में स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा टीम इंडिया में फिट नहीं बैठ रहे…?
जडेजा अब टीम इंडिया में कैसे करेंगे वापसी..?
भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण का मानना है- ‘ऐसा नहीं कि अश्विन और जडेजा रेस से बाहर हो चुके हैं. वे अभी भी टीम में आ सकते हैं.’ लेकिन भरत अरुण भी चहल- कुलदीप की तारीफ करते नहीं थकते. हालांकि वह यह भी कहते हैं कि और चहल-कुलदीप टीम इंडिया में रोटेशन पॉलिसी का हिस्सा हैं.
साथ नहीं दे रही उनकी फिरकी
…खैर जो भी हो, आइए नजर डालते हैं 29 साल के रवीद्र जडेजा के मौजूदा प्रदर्शन पर. ऑलराउंडर के तौर पर उन्हें देखें, तो एक दिन पहले ही उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी (50 ओवर मैच) में झारखंड के खिलाफ नाबाद शतकीय (113 रन) पारी खेली और सौराष्ट्र को जीत दिलाकर सुर्खियों में आ गए. लेकिन, दूसरी तरफ उनकी स्पिन अपनी धार खोती जा रही है.
विजय हजारे ट्रॉफी के चार मैच खाली गए
-विजय हजारे ट्रॉफी की बात करें, तो इस बार अब तक चार मैचों में जडेजा को एक भी विकेट नहीं मिल पाया है. देखिए जडेजा का गेंदबाजी विश्लेषण-
10-1-43-0 विरुद्ध छत्तीसगढ़ (सिकंदराबाद 5 फरवरी 2018)
10-0-59-0 विरुद्ध जम्मू एंड कश्मीर (सिकंदराबाद 8 फरवरी 2018
10-0-39-0 विरुद्ध हैदराबाद (हैदराबाद 9 फरवरी 2018)
2-0-16-0 विरुद्ध झारखंड (सिकंदराबाद 11 फरवरी 2018)
वनडे में आखिरी बार पिछले साल जून में विकेट लिया था
जडेजा से जुड़ा एक दिलचस्प फैक्ट उभरकर सामने आया है. वह आखिरी बार बांग्लादेश के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल (15 जून 2017) में शाकिब अल हसन का विकेट लेने के बाद से एक भी विकेट नहीं ले पाए हैं. और तब से जडेजा लिस्ट-ए क्रिकेट (जिसमें वनडे इंटरनेशनल के अलावा घरेलू 40 से 60 ओवर की एक पारी के मैच शामिल हैं) में 61.4 ओवर डाल चुके हैं, लेकिन उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला है.