वैसे तो हमें बचपन से ही कई सारी बातें बताई जाती है कि ये नही करना चाहिए,वो नही करना चाहिए, ऐसा करने से ऐसा हो जाता है, वैसा करने से वैसा होता है, वगैरह-वगैरह. इतना ही नही अगर हमारा रास्ता बिल्ली काट देती था, या घर से निकलते समय कोई ऐसा व्यक्ति हमारे सामने आ जाता है जो जिसे मनहूस कहा जाता है, तो लोग या तो कुछ समय रुक जाते है, या फिर कोई टोटका करने के बाद वो जाते है. हालाँकि इसके पीछे कितनी सच्चाई होती है ये तो हमको नही पता मगर फिर भी कुछ लोग इस पर विश्वास करते है. वही कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते है. हालाँकि मानना न मानना ये तो आप पर निर्भर करता है. ऐसी ही कई सारे अजीबों गरीब बाते बताई जाती है. जिसे कुछ लोग अमल में लाते है और कुछ नही. ऐसी ही कुछ अजीबों गरीब बाते और तर्क महिलाओं के बालों को लेकर भी कही गयी है. हालाँकि कुछ लोग इस बात पर अमल करते है तो कुछ इसे अन्धविश्वास मानते है. तो चलिए आज हम आपको बताते है महिलाओं के बालों से जुडी कुछ बाते और इसके पीछे के कुछ अजीबों गरीब तर्क….
1— बाल बनाना
बाल से जुडी ये जो मान्यता है जो हमें बचपन से सिखाई जाती है कि रात यानी कि सूरज ढलने के बाद बाल नही बनाना चाहिए. हालाँकि काफी लोग इस चीज को इग्नोर करते है जबकि काफी लोग इसका अमल करते है|
यह है तर्क—-इसके पीछे का जो तर्क है वो ये है कि शाम के समय बुरी आत्माएं टहलती है जो कि काफी खतरनाक होती है. जो कि लम्बे और खुबसुरत बाल वाली महिलाओं को अपना शिकार बनाती है|
2—बाल खुले रखना
महिलाओं को खासकर युवतियों को ये कहा जाता है कि शाम के वक़्त उन्हें अपना बाल खोल कर नही रहना चाहिए, बल्कि उसे कस कर बंधना चाहिए. इसके साथ ही इसे पूजा के समय भी नही खोलना चाहिए|
यह है तर्क——– इसे भी लोग बुरी आत्माओं से जोड़कर देखते है. इसके साथ ही कुछ लोग इसे परिवार के लिए भी बुरा संकेत मानते है|
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3—बालों का टूटना
अक्सर महिलाओं के बाल कंघी करते समय टूट कर उसकी कंघी में आ जाते है. कहा जाता है कि इन टूटे बालों को किसी सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए|
यह है तर्क—– इसके पीछे का तर्क ये है कि बाल फेंकने से ये इधर उधर हो जाते है, जो किसी के हाथ भी लग सकते है, जिसके द्वारा कोई काला जादू भी आप पर कर सकता है|
4—- पूर्णिमा के दिन बाल संवरना
वैसे तो पूर्णिमा को बहुत ही अच्छा दिन माना जाता है मगर लड़कियों के लिए पूर्णिमा के दिन बाल को संवारना सही नही माना जाता है|
तर्क—- इसके पीछे का तर्क भी बुरी आत्मा से ही है. कहा जाता है ऐसा करना से बुरी आत्मा को खुद पर कब्ज़ा करने का न्यौता देना होता है|
5—बाल धोना
कहा जाता है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दुसरे और तीसरे दिन बाल को नही धुलना चाहिए, जबकि चौथे दिन धो सकते है|
तर्क—- इसके पीछे का तर्क है कि ऐसा करने से महिलाये/युवतियां पागल हो जाती है. वही रात में बाल धुलने से ब्लड लॉस ज्यादा होता है जिससे कमजोरी होती है|
6—बाल बनाते समय कंघी का गिरना
बाल बनाते समय कंघी गिरने पर भी कई मतलब निकाले जाते है|
तर्क—- माना जाता है ऐसा होने से घर में कोई मेहमान आता है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि ऐसा करने से कोई बुरी खबर मिलने की आशंका होती है|
7— बाल टूटना
अगर बाल बना रहे हो तो इस बात का ध्यान देना चाहिए कि बाल कही इधर-उधर तो नही गिरे हुए है|
तर्क—- इसके पीछे तर्क है कि ऐसा होने से घर-परिवार में झगड़े हो सकते है|तो ये थी बालों से जुडी हुई कुछ बातें और तर्क. जिसे कुछ लोग अन्धविश्वास मानते है तो कुछ लोग इसे अजीबो गरीब मानते है. हालाँकि कुछ लोग है जो इन बातों पर ध्यान देते है. फ़िलहाल ये मानना न मानना हर व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है|