● एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट की नीति के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति से उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रित स्थिति में है। 20 जुलाई तक प्रदेश में 04 करोड़ 15 लाख 62 हजार से अधिक वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है। 03 करोड़ 47 लाख से अधिक प्रदेशवासियों ने वैक्सीन की एक डोज प्राप्त कर ली है, जबकि 67 लाख 65 हजार प्रदेशवासियों ने वैक्सीन की दोनों खुराक प्रॉप्त कर ली है।टीकाकरण की सुगमता के लिए केवल उन्हीं को केंद्र तक बुलाया जाए, जिनका टीकाकरण होना है। टीकाकरण के लिए टाइम स्लॉट जारी कर, तद्नुरूप वैक्सीनेशन किया जाए।
● प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। हर दिन ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर न्यूनतम है। जनपद अलीगढ़, बलरामपुर, एटा, महोबा, ललितपुर, हाथरस, श्रावस्ती में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। 40 जनपदों में एक्टिव केस की संख्या इकाई अंक में शेष है। संयम और जागरूकता के प्रयासों से बहुत जल्द यह जिले भी कोरोना मुक्त हो सकते हैं। विगत दिवस किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस की पुष्टि नहीं हुई। 45 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 30 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 1,036 है। इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं।
● ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। विगत 24 घंटे में 02 लाख 46 हजार से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की गई और 55 नए मरीजों की पुष्टि हुई, जबकि 107 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। इस अवधि में पॉजिटिविटी दर 0.02% रही। प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर 98.6% है। अब तक 06 करोड़ 30 लाख 55 हजार से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। 16 लाख 84 हजार 230 से अधिक प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
● आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा आगामी 30 जुलाई को प्रदेश के नौ जनपदों में नवस्थापित मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण किया जाना प्रस्तावित है। यह राज्य के लिए ऐतिहासिक अवसर होगा कि जब एक साथ नौ ज़िलों में मेडिकल कॉलेजों का संचालन प्रारंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री जी के प्रस्तावित कार्यक्रम के दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रबंध समय से पूरे कर लिए जाएं।
● बरसात के दृष्टिगत नदियों के जलस्तर की सतत मॉनीटरिंग की जाए। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा आपदा प्रबंधन टीमों को 24×7 एक्टिव मोड में रखा जाए। बाढ़/अतिवृष्टि से पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए।
● वरिष्ठ नागरिकों को त्वरित सहायता के लिए संचालित हेल्पलाइन नम्बर 14567 सेवा को और बेहतर किये जाने की जरूरत है। सीएम हेल्पलाइन 1076 के माध्यम से भी हर दिन न्यूनतम 100 वृद्धजनों को फोनकर उनके स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली जाए, उनकी अन्य जरूरतों के बारे में पूछते हुए उनकी समस्याओं का समाधान कराएं। कैंसर की समस्या से ग्रस्त अथवा डायलिसिस कराने वाले मरीजों के इलाज में कतई देरी न हो।
जॉइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी जिलों में जाएं।
● प्रदेश के सभी गो-आश्रय स्थलों की गहन पड़ताल कराई जाए। संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारियों को जिलों में भेज कर गो-आश्रय स्थलों का निरीक्षण कराएं। एक सप्ताह में जिलावार स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। हरा चारा-भूसा आदि के समुचित प्रबंध हों। कहीं भी अगर दुर्व्यवस्थाओं के कारण गोवंश की मृत्यु हुई तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।