कोरोना से बराबर को 3 सेनाओं ने कसी कमर, जानें- लड़ाई जीतने को क्या हो रही है तैयारी

आक्सीजन की कमी दूर करने के लिए क्रायोजनिक टैंकरों की दनादन ढुलाई कर रही भारतीय वायुसेना ने अब देश के दूर दराज के इलाकों से कोरोना के गंभीर मरीजों की आपात मदद के लिए अपने हेलीकाप्टरों की तैनाती कर दी है। वायुसेना के चीतल हेलीकाप्टर ने लद्दाख के पदम से 12,000 हजार फीट की ऊंचाई के दुर्गम इलाके से एक वृद्ध मरीज को कारगिल पहुंचा कर इसकी शुरुआत कर दी। वहीं सेना और नौसेना ने भी कोविड राहत आपरेशन्स की अपनी गति बढ़ा दी है। नौसेना का जहाज आइएनएस तलवार बहरीन से 40 मीट्रिक टन आक्सीजन लेकर शनिवार को मुंबई के लिए रवाना हो गया है।

तीनों सेनाओं के कोविड राहत सहायता आपरेशन्स की लगातार निगरानी कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ ¨सह ने शनिवार को चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत समेत तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक कर इनकी समीक्षा की।

वायुसेना के अनुसार हेलीकाप्टर के जरिये कोरोना मरीजों को यह मदद देश के सभी दुर्गम इलाकों में मुहैया कराई जाएगी। लद्दाख के जिस मरीज को पदम से हेलीकाप्टर के जरिये कारगिल लाया गया उसका आक्सीजन लेवल काफी नीचे चला गया था और सांस की बेचैनी के अलावा गले की आवाज भी अवरुद्ध हो रही थी।

वहीं कोरोना मरीजों की आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए थल सेना और वायुसेना के बाद नौसेना भी अपने सात जहाजों के साथ विदेश से आक्सीजन की ढुलाई करने में जुट गई है। इस क्रम में आइएनएस तलवार सबसे पहले शनिवार को बहरीन से 40 मीट्रिक टन आक्सीजन लेकर मुंबई के लिए चल पड़ा है। आइएनएस कोलकाता दोहा से मेडिकल सामग्री लेकर कुवैत पहुंचेगा और वहां से खाली क्रायोजनिक आक्सीजन टैंकर भी अपने साथ लाएगा। इसके अलावा आइएनएस ऐरावत और जलस्व को भी नौसेना ने अपने समुद्र सेतु-दो के इस अभियान में लगाया है। ऐरावत ¨सगापुर से तरल आक्सीजन टैंक तो जलस्व मेडिकल सहायता सामाग्री की ढुलाई करेगा। दक्षिणी नौसेना कमान का जहाज आइएनएस शार्दूल भी 48 घंटे के अंदर इस आपरेशन में शामिल हो जाएगा। नौसेना के अनुसार कोविड राहत सहायता के लिए जरूरत पड़ी तो नौसेना अपने और भी जहाजों को आपरेशन में लगाने के लिए तैयार है।

रक्षा मंत्री ने वीडियो कांफ्रें¨सग के जरिये सीडीएस, रक्षा सचिव डा. अजय कुमार, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमीबर ¨सह, वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ मौजूदा चुनौतीपूर्ण हालात में तीनों सेनाओं की राहत सहायता कदमों की समीक्षा की।

इसमें रक्षा मंत्री को बताया गया कि सशस्त्र सेनाओं की ओर से 600 अतिरिक्त डाक्टरों को विशेष कदम के तहत तैनात किया गया है। नौसेना ने युद्ध के दौरान तैनात किए जाने वाले अपने 200 नर्सिंग स्टाफ को अलग अलग अस्पतालों में तैनात किया है। इसके अलावा सेना ने अपने सैन्य अस्पतालों में आम नागरिकों के लिए 720 बेड की व्यवस्था की है। रक्षा मंत्री ने इसको लेकर निर्देश दिया कि इन बेडों का ब्योरा व जानकारी स्थानीय प्रशासन के स्तर पर साझा की जानी चाहिए। इस दौरान डीआरडीओ की ओर से लखनऊ में 500 बेड का कोविड अस्पताल बनाने की जानकारी देते हुए कहा गया कि अगले दो-तीन दिनों में यह अस्पताल काम करना शुरू कर देगा। डीआरडीओ प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी एक कोविड अस्पताल बना रहा है जिसका संचालन पांच मई तक शुरू हो जाएगा। वायुसेना विदेश से 28 उड़ान भरकर अब तक 47 क्रायोजनिक आक्सीजन टैंकर लेकर आ चुकी है। सशस्त्र सेनाओं के चिकित्सा सेवा के प्रमुख सर्जन वाइस एडमिरल रजत दत्ता समेत डीआरडीओ से लेकर रक्षा मंत्रालय के तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे।

 

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