कोरोना महामारी से करीब 90 लाख की आबादी वाला इजरायल भी जूझ रहा है। इस पश्चिम एशियाई देश में अब तक 11 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं और 110 से अधिक जान गंवा चुके हैं।
इजरायल में कोरोना से जंग में तमाम स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी मोसाद भी उतर गई है। देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विदेश में भी अपने अभियान चलाने वाली यह एजेंसी इस समय चिकित्सा उपकरणों की कमी को दूर करने में अहम भूमिका निभा रही है।
इजरायली चिकित्सा और सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में मोसाद भी गहराई से शामिल है। वह विदेश से चिकित्सा उपकरणों और उत्पादन तकनीक हासिल करने में मदद कर रही है। इस समय पूरी दुनिया चिकित्सा आपूर्ति की कमी से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से गंभीर रूप से जूझ रहे ईरान से फिलहाल कोई खतरा नहीं देख देश की प्रभावशाली खुफिया एजेंसी हेल्थ इमरजेंसी में भूमिका निभा रही है।
अधिकारियों के मुताबिक, गत फरवरी में देश के सबसे बड़े अस्पताल शेबा मेडिकल सेंटर के महानिदेशक यित्सक क्रेस ने वेंटीलेटर और अन्य अहम चिकित्सा उपकरणों की जरूरत को देखते हुए मोसाद के निदेशक योसी कोहेन से मुलाकात की थी। इसके बाद कोहेन ने स्वास्थ्य मंत्रालय से जरूरतों की सूची मांगी और उन जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी एजेंसी के इंटरनेशनल नेटवर्क को सक्रिय कर दिया।
पूर्व रब्बी प्रमुख का निधन
अंतर धार्मिक बातचीत को बढ़ावा देने वाले इजरायल के पूर्व रब्बी प्रमुख इलियाहु बख्शी-डोनोन का निधन हो गया। 79 साल के डोनोन कोरोना वायरस से पीडि़त थे। यहूदी धर्म में प्रमुख आध्यात्मिक नेता को रब्बी कहा जाता है। वह इस पद पर 1993 से 2003 तक आसीन थे।