अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कोविड-19 टीके के वितरण की गति को लेकर देश के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन की आलोचना की है और स्थिति के और बिगड़ने की आशंका जताई. बाइडेन ने कहा कि हमें ईमानदार होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगले कुछ हफ्ते और महीने हमारे देश के लिए बहुत मुश्किल होने वाले है. महामारी के बाद ये संभवत: सबसे मुश्किल महीने होंगे.

बाइडेन ने ऐसे समय में यह बयान दिया है, जब अमेरिका में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से 3,36,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. बाइडेन ने अमेरिकी नागरिकों से कहा कि वो आने वाली चुनौतियों के लिए ‘अपनी कमर कस लें’. उन्होंने अनुमान लगाया कि चीजें ‘बेहतर होने से पहले बदतर होंगी.’
ट्रंप प्रशासन ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि उसकी साल के अंत तक टीके की दो करोड़ खुराक वितरित करने की योजना है लेकिन रोग नियंत्रण केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, एक करोड़ 14 लाख खुराक वितरित की गई हैं और केवल 21 लाख लोगों को पहली खुराक मिल पाई है. बाइडेन ने कहा कि मौजूदा गति से अगर टीकाकरण जारी रहा तो सभी अमेरिकियों तक टीका पहुंचाने महीनों नहीं, बल्कि सालों का समय लग जाएगा.
बाइडेन ने टीकाकरण की गति पांच से छह गुना तेज करने का संकल्प लिया लेकिन साथ ही स्वीकार किया कि इसके बावजूद सभी अमेरिकियों तक टीका पहुंचाने में ‘महीनों का समय’ लग जाएगा. बता दें कि बाइडेन 20 जनवरी को कार्यभार संभालेंगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी टीम को निर्देश दिया है कि वह चीजों को पटरी पर लाने के लिए अधिक आक्रामक रुख अपनाए. बाइडेन ने कहा कि मैं अभियान को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दूंगा.
फाइजर की कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की सबसे पहले ब्रिटेन ने मंजूरी थी. इसके बाद अमेरिका सहित कई देश इसे मंजूरी दे चुके हैं. अमेरिका फाइजर के अलावा मॉर्डना की वैक्सीन को भी अप्रूवल दे चुका है, जिसका इस्तेमाल टीकाकरण में किया जा रहा है.
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