पाकिस्तान में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 587014 मामले सामने आ चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बीते सात दिनों में करीब छह फीसद मामले बढ़े हैं। वहीं ठीक होने वालों की संख्या 556769 है। इसके अलावा यहां पर 13128 मरीज अब तक इस महामारी की चपेट में आने के बाद से दम तोड़ चुके हैं। पाकिस्तान में कोरोना महामारी का असर हर जगह देखने को मिला है। आर्थिक रूप से बदहाल होते पाकिस्तान में ये ताबूत में एक और कील ठोकने जैसा साबित हुई है। लोगों के इसकी वजह से काम-धंधे चौपट हो गए हैं, रोजगार के साधन कम होने से बेरोजगारी की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2015 से लगातार यहां पर बेरोजगारी की दर में इजाफा हो रहा है। महंगाई की वजह से लोग परेशान हैं। रही सही कसर यहां की खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवाओं ने पूरी कर दी है। इन सभी के बावजूद सरकार कोविड-19 की कोई खुराक खरीदने को तैयार नहीं है।
फ्री की वैक्सीन पर भरोसा
भले ही ये बात सुनने पर बड़ी अजीब लगे, लेकिन पाकिस्तान की सच्चाई यही है। दरअसल, दो दिन पहले ही पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने एक खबर में बताया कि सरकार का कोई प्लान फिलहाल कोरोना वैक्सीन खरीदने का नहीं है। इसके लिए पाकिस्तान पूरी तरह से फ्री की वैक्सीन पर टिका हुआ है। नेशनल हेल्थ सर्विस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मेजर जनरल आमिर आमेर इकराम का कहना है चीन की बनाई केनसिनो वैक्सीन की एक खुराक की कीमत करीब 13 डॉलर तक है। पाकिस्तान को अपने मित्र देशों पर पूरा भरोसा है कि वो इन वैक्सीन को उन्हें फ्री में देंगे। पब्लिक अकाउंट कमेटी को जानकारी देते हुए एनआईएचएस के सचिव आमिर अशरफ ख्वाजा ने बताया कि चीन की कंपनी सिनोफार्म ने उन्हें दस लाख कोरोना वैक्सीन की खुराक देने का वादा किया है। आपको बता दें कि चीन पहले ही पाकिस्तान को इस कंपनी की 5 लाख खुराक मुहैया करवा चुका है।
इस साल तक का टार्गेट
पाकिस्तान सरकार का कहना है कि इस वर्ष तक करीब सात करोड़ लोगों का टीकाकरण कर दिया जाएगा। आमिर के मुताबिक पाकिस्तान को करीब 1 करोड़ 60 लाख वैक्सीन की खुराक भारत में बनी ऑक्सफॉर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन डब्ल्यूएचओ की योजना गावी के तहत मिलेंगी जो पाकिस्तान की करीब 20 फीसद जनसंख्या को लग सकेंगी।
हर्ड इम्यूनिटी पर दांव
अखबार की खबर के मुताबिक पाकिस्तान कोरोना महामारी से लड़ने के लिए इस बात की उम्मीद लगाए हुए है कि हर्ड इम्यूनिटी को विकसित किया जाए। उसको उम्मीद है कि हर्ड इम्यूनिटी चीन की बनाई वैक्सीन से मिल सकती है। लेकिन इसकी एक सच्चाई ये भी है कि हर्ड इम्यूनिटी को विकसित करने के लिए कम से 50-60 फीसद जनता को इस वैक्सीन की खुराक देनी होगी, तब कहीं जाकर हर्ड इम्यूनिटी की बात की जा सकती है। इसमें जितनी देरी होगी उतने ही मामले बढ़ेंगे और इन पर काबू पाना मुश्किल होगा। आपको बता दें कि पाकिस्तान चीन की वैक्सीन के अलावा संयुक्त राष्ट्र की हेल्थ एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोवैक्स योजना के तहत फ्री में मिलने वाली वैक्सीन की भी राह तक रहा है।
डब्ल्यूएचओ से मिलेगी वैक्सीन
पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक कोवैक्स योजना के तहत उसको मई 2021 तक 14,640,000 खुराक मुहैया करवा दी जाएंगी। आपको बता दें कि डब्ल्यूएचओ इस योजना के तहत उन देशों को वैक्सीन मुहैया करवा रहा है जो देश वैक्सीन को खरीदने या उसको अपने दम पर विकसित करने में सक्षम नहीं हैं। इसके तहत पाकिस्तान करीब 150 देशों को वैक्सीन मुहैया करवाएगा। यहां पर एक खास बात बतानी ये भी जरूरी है कि इस योजना में वैक्सीन विकसित करने के तहत भारत ने भी आर्थिक योगदान दिया है। इतना ही नहीं इस योजना के तहत जो वैक्सीन विकसित की गई है उसका प्रोडेक्शन भारत के सीरम इंस्टिट्यूट में किया गया है।
प्राथमिकता के आधार पर कोवैक्सी की सप्लाई
प्राथमिकता के आधार पर डब्ल्यूएचओ ने इसकी सप्लाई शुरू भी करदी है। घाना को सबसे पहले इसकी सप्लाई सीधे भारत से की गई है। डब्ल्यूएचओ की इस योजना के तहत नाइजीरिया को 13,656,000, ब्राजील को 9,122,400, इथियोपिया को 7,620,000, इंडोनेशिया को 11,704,800 , बांग्लादेश को 10,908,000 ,कांगो को 5,928,000, वियतनाम को 4,176,000, मेक्सिको को 5,532,000, मिस्र को 4,389,600 वैक्सीन दी जाएंगी।