कोरोना वायरस ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन पर गहरा आघात किया है. लेकिन, अब इसका असर भारत पर भी दिखने लगा है. आने वाले कुछ हफ्तों के दौरान अगर चीन में स्तिथि सामान्य नहीं होती है तो भारतीय उद्योग जगत के लिए दिक्कतें खड़ी होंगी. जिन क्षेत्रों में सबसे ज़्यादा दिक्कतें आनी शुरू हो गयी हैं वो हैं ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा.

इसके अलावा कोरोना वायरस अटैक के चलते बच्चों के खिलौने तक महंगे होने लगे हैं और आने वाले कुछ सप्ताह में खिलौने बाजार से गायब तक हो सकते हैं. मौजूदा समय में भी खिलौनों की कालाबाज़ारी शुरू हो गयी है, इनके ज़्यादा दाम वसूले जाने लगे हैं.
भारत और चीन के बीच 2018-19 में कुल मिलाकर 87 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था. लेकिन, इसमें ज़्यादा आयात हुआ था. भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, टेक्सटाइल जैसे अनेकों उद्योग हैं जो चीन से आयात होने वाले सामान के बिना अधूरे हैं. वहीं, कोरोना वायरस के चलते चीन से आयात थमा हुआ सा है. इसके अलावा चीन में अधिकांश फैक्ट्री भी बंद हैं. ऐसे में चीन से आयात होने वाले सामान पर असर पड़ने लगा है.
देश में मोबाइल बनाने वाली बड़ी कंपनी लावा इंटरनेशनल के सह संस्थापक एस एन राय बता रहे हैं कि कोरोना वायरस के जरिये कैसे इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग पर मार पड़ रही है. टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वाईस प्रेसिडेंट विपिन निझावन बता रहे हैं कि कैसे शिपमेंट रुके हुए हैं और खिलौने की कालाबाज़ारी शुरू हो गयी है.
FIEO के डीजी अजय सहाय बता रहे हैं कि कैसे आयात और निर्यात प्रभावित हो रहा है. कैसे ये कोरोना वायरस भारत के मेक इन इंडिया के लिए फायदेमंद भी हो सकता है. आर्थिक मामलों के जानकार शिशिर सिन्हा बता रहे हैं कि किस तरह से चीन से कौन कौन से व्यापार प्रभावित हो रहे हैं.
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