सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे कोरोना के लक्षण होने के बावजूद मशहूर शायर राहत इंदौरी देरी से अस्पताल पहुंचे थे। इसी कारण संक्रमण की पहचान जल्दी नहीं हो पाई। 70 वर्षीय राहत को 10 अगस्त को अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अगले दिन उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई और उसी दिन उनका निधन हो गया था। कोविड-19 वायरस से संक्रमित पाए गए मरीजों के डेथ ऑडिट में यह जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक राहत इंदौरी को पहले से दिल और मधुमेह की बीमारी थी। मौत से कुछ दिन पहले उच्च रक्तचाप रहने के कारण सीटी स्कैन कराया गया था। बाद में उन्हें अरबिंदो अस्पताल भर्ती किया गया।
बेटे बोले- देरी से नहीं पहुंचे, पहले से चल रहा था इलाज
राहत इंदौरी के पुत्र सतलज राहत ने डेथ ऑडिट के इस तथ्य को खारिज किया है कि उनके पिता को देरी से अस्पताल ले जाया गया था। सतलज ने कहा कि यह बात गलत है। पिताजी का इलाज पहले से नियमित चल रहा था। हमने उन्हें 9 अगस्त को ही अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कर दिया था। इससे पहले निजी अस्पताल में उनका सीटी स्कैन कराया गया था।
डॉक्टर की सलाह थी कि दो-तीन दिन भर्ती रखने से उनको आराम मिलेगा। इसीलिए 9 अगस्त की रात को उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हमें 10 अगस्त की शाम को ही बता दिया गया था कि वह पॉजिटिव आए हैं। अस्पताल में डॉक्टरों के कहने पर हमने भी पिताजी को समझाया था कि दो दिन में स्थिति सुधर जाएगी, लेकिन 11 अगस्त को उनकी मौत हो गई। जिंदगी और मौत तो अल्लाह के हाथ में है।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज की अधिष्ठाता डॉ. ज्योति बिंदल ने कहा कि अभी मेरे सामने डेथ ऑडिट की रिपोर्ट तो नहीं है, लेकिन इतना पता है कि उन्होंने (राहत इंदौरी) सैंपलिंग कहीं और से कराई थी और तुरंत बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे। उन्हें डायबिटीज और अन्य समस्याएं भी थीं।