सुप्रीम कोर्ट की छह पीठ 16 मार्च को केवल 12 अहम मामलों पर ही सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत ने शनिवार को यह निर्णय कोरोना वायरस के फैलते प्रभाव को ध्यान में रखकर लिया। साथ ही कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखे जाने वाले अहम मामलों में निर्भया मामले के दोषी मुकेश सिंह की याचिका के साथ ही 2018 की भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबे की अग्रिम जमानत याचिकाएं भी शामिल हैं।
निर्भया मामले में फांसी पा चुके चार दोषियों में से एक मुकेश ने अपने वकील पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए सजा टालने के कानूनी विकल्प उपयोग करने का दोबारा मौका दिए जाने की गुहार लगाई है। चारों दोषियों को 20 मार्च को फांसी दी जानी है। उधर, नवलखा और तेलतुंबे के मामले में शीर्ष अदालत ने 6 मार्च को दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 16 मार्च तक बढ़ा दी थी।
इससे पहले शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने चीफ जस्टिस आवास पर आपात बैठक के बाद निर्णय लिया था कि सोमवार से उसकी 15 के बजाय छह पीठ ही सुनवाई करेंगी। इन पीठ के सामने भी केवल अहम और तत्काल सुनवाई लायक मामलों को ही रखा जाएगा। साथ ही सुनवाई के दौरान संबंधित वकीलों के अलावा अन्य सभी के अदालत कक्ष में घुसने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था।
शनिवार को जारी शीर्ष अदालत की कॉज लिस्ट के मुताबिक, लंच से पहले छह पीठ छह अहम मामले सुनेंगी। इसके बाद जज आधा घंटे का विश्राम लेंगे और दूसरे हाफ में भी छह अन्य मामले सुने जाएंगे। शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल संजीव एस. कलगांवकर की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट कर्मचारियों के लिए भी कोरोना वायरस से बचाव के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं।