दुनिया में कोरोना वायरस कोविड-19 का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। वैसे तो कोरोना वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है, मगर चिकित्सकों के मुताबिक इससे उन लोगों को ज्यादा खतरा है जिन्हें पहले से कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है अथवा जो लोग उम्रदराज हैं।
एम्स ऋषिकेश के निदेशक और मधुमेह रोग विशेषज्ञ प्रो. रवि कांत के अनुसार कोरोना वायरस का संक्रमण डायबिटीज के रोगियों के लिए खतरनाक है। डायबिटीज के रोगियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य सामान्य लोगों के मुकाबले बहुत कम होती है।
इससे रक्त में ग्लूकोज की अधिकता हो जाती है और संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ता है। प्रो. रवि कांत ने मधुमेह के रोगियों को कोरोना काल में विशेष सावधानी बरतने के लिए कहा है।
प्रो. रविकांत ने बताया कि भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक भारत में 2019 तक डायबिटीज के मरीजों की संख्या 07 करोड़ थी और यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है।
कोरोना वायरस के संक्रमण के लगातार बढ़ने और डायबिटीक मरीजों में इसके गंभीर परिणाम के मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा डाइबिटीज के मरीजों के लिए गाइडलाइंस जारी की गई हैं। जिसमें मरीजों को कोविड संक्रमण से बचने के लिए जरूरी सावधानियां बताई गई हैं।
डायबिटीज के मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होने जाने पर वायरस के शरीर में जीवित रहने के आसार बढ़ जाते हैं। लिहाजा डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे प्राथमिक ध्यान देने वाली बात है कि उनकी ब्लड शुगर मात्रा नियंत्रित होनी चाहिए।