मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर उनके विवादित बयान के लिए निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विजयवर्गीय को यह फैसला करना होगा कि वह भाजपा के नेता हैं या फिर माफिया के। रविवार को मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा, ‘कैलाश विजयवर्गीय को यह निर्णय करना होगा कि वह भाजपा के नेता हैं या फिर माफिया के।’
हाल ही में भाजपा नेता का एक वीडियो काफी वायरल हुआ था। जिसमें वह सरकारी अधिकारियों को धमकाते हुए नजर आ रहे थे। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि संघ के पदाधिकारी शहर में हैं, नहीं तो आज इंदौर में आग लगा देता। इससे पहले शनिवार को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं सहित विजयवर्गीय के खिलाफ इंदौर पुलिस ने धारा 144 का उल्लंघन करने और प्रदर्शन करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
संयोगितागंज के पुलिस स्टेशन में शनिवार रात को विजयवर्गीय सहित 350 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जिसमें सांसद शंकर ललवानी, विधायक महेंद्र हरदिया, शहरी अध्यक्ष गोपीकृष्णा नेमा और विधायक रमेश मेंदोला शामिल हैं। इन सभी पर निषेधात्मक आदेश का उल्लंघन करने का आरोप है।
संभाग कमिश्नर आकाश त्रिपाठी के घर के बाहर धरने पर बैठे विजयवर्गीय ने एडीएम से कहा, ‘हमसे मिलने के लिए अधिकारियों के पास समय नहीं है, इतने बड़े हो गए क्या?
क्या उनकी इतनी औकात हो गई? हमने लिखित में मिलने का वक्त मांगा और कमिश्नर मिलने नहीं आए। उन्हें समझना चाहिए कि वे जनता के नौकर हैं, कमलनाथ के नहीं। ये बर्दाश्त नहीं करेंगे अब। वो तो संघ के पदाधिकारी शहर में हैं, नहीं तो आज इंदौर में आग लगा देता।’