कैंसर की जड़ की होगी पकड़: बायोपैक की मदद से होगा सटीक इलाज

एम्स के ईएनटी के विभागाध्यक्ष व राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के प्रमुख डाॅ. आलोक ठक्कर ने बताया कि जल्द बायोपैक की सुविधा को शुरू करेंगे। इसके लिए काम शुरू हो गया है। इसमें कैंसर के ऊतक (टिश्यू) को सुरक्षित रखा जाएगा।

शरीर में पनपने वाले कैंसर की जड़ की पकड़ आसान होगी। बायोपैक की मदद से न केवल कैंसर का सटीक इलाज हो सकेगा, बल्कि शरीर में भविष्य में होने वाले कैंसर की आशंका भी खत्म हो जाएगी। इसके लिए एम्स ने झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में बायोपैक को विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। संभावना है कि अगले दो साल में यह सुविधा शुरू हो जाएगी।

मौजूदा समय में कैंसर के इलाज के लिए आधुनिक सटीक इलाज हैं। बावजूद इसके शरीर में फिर से कैंसर होने की आशंका बनी रहती है। इस समस्या को देखते हुए एम्स के विशेषज्ञों ने ऊतक पर आधारित इस विशेष सुविधा को विकसित करने का निर्णय लिया है।

एम्स के ईएनटी के विभागाध्यक्ष व राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के प्रमुख डाॅ. आलोक ठक्कर ने बताया कि जल्द बायोपैक की सुविधा को शुरू करेंगे। इसके लिए काम शुरू हो गया है। इसमें कैंसर के ऊतक (टिश्यू) को सुरक्षित रखा जाएगा। बाद में उसका विश्लेषण किया जाएगा। इसकी मदद से यह देखा जाएगा कि कैंसर होने के पीछे सेल के स्तर पर क्या समस्या रही होगी। इसकी समझ आने पर मरीज का इलाज आसान हो सकेगा। साथ ही कैंसर होने की मुख्य वजह भी पता चल पाएगी।

हर तरह के कैंसर में होगा मददगार
यह सुविधा हर तरह के कैंसर में मददगार साबित हो सकता है। देश में कैंसर अभी भी सबसे खतरनाक रोग में से एक हैं। देश में हर साल लाखों मामले सामने आते हैं। बड़ी संख्या में मरीज दम भी तोड़ रहे हैं। सबसे ज्यादा समस्या एडवांस स्टेज में आने वाले लोगों के साथ हो रही है। देश में हर साल फेफड़े का कैंसर, स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर , प्रोस्टेट कैंसर , पेट का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर , यकृत कैंसर, मूत्राशय का कैंसर और बचपन में ल्यूकेमिया सहित दूसरे कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैंसबसे आम हैं सिर व गले का कैंसर

देश में सबसे ज्यादा सिर व गले का कैंसर सामने आता है। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान इस रोग के मरीज हर साल बढ़ रहे हैं। पिछले साल इस रोग के 9275 मरीज ओपीडी में आए। इनमें से 640 मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इस रोग से पीड़ित 1013 मरीज को माइनर ओटी में और 641 मरीज को मेजर ओटी में सर्जरी के लिए भेजा गया।

बढ़ रहे हैं मरीज
राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में इलाज करवाने आ रहे मरीजों की संख्या हर साल बढ़ रही है। डॉ. ठक्कर का कहना है कि देश में कैंसर के मामले हर साल बढ़ रहे हैं। ऐसे में रोग का मुख्य कारण पता चलने पर इलाज में काफी मदद मिल सकेगा।

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