यूपी सरकार का कहना है कि जो व्यक्ति सरकारी मुलाजिम नहीं है, उसके शरीर को तिरंगे में नहीं लपेटा जा सकता। सरकार ने इसके लिए इंडियन नेशनल फ्लैग कोड 2002 का हवाला दिया।
सरकार का यह फैसला उस वक्त आया जब सोशल मीडिया पर कासगंज हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता के शरीर को तिरंगे में लिपटा हुआ दिखाया गया। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के सेक्शन 5 के मुताबिक तिरंगे को स्टेट, मिलिट्री, सेंट्रल पेरामिलिट्री फोर्स के जवान के अंतिम संस्कार के दौरान प्रयोग किया जाता है।
सरकार का यह फैसला उस वक्त आया जब सोशल मीडिया पर कासगंज हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता के शरीर को तिरंगे में लिपटा हुआ दिखाया गया। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के सेक्शन 5 के मुताबिक तिरंगे को स्टेट, मिलिट्री, सेंट्रल पेरामिलिट्री फोर्स के जवान के अंतिम संस्कार के दौरान प्रयोग किया जाता है।
तिरंगे का प्रयोग ऐसे किसी शख्स के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता जोकि सरकारी या सेना का जवान न हो। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में लिखित में कहा था कि किसी भी संगठन का झंडा तिरंगे से बड़ा नहीं हो सकता।
आपको बता दें कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेता रिपब्लिक डे पर तिरंगा यात्रा के मौके पर भगवा झंडे लहराये थे जिसके बाद योगी ने यह बयान दिया था।
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