केरल अभी बाढ़ के प्रकोप से उभर भी नहीं पाया और एक नई चुनौती आ खड़ी हुई है। भयंकर बाढ़ से जलमग्न हुए केरल में अब पानी से फैसले वाली बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है। इस बीमारी का नाम है ‘Rat Fever’ या कहें लेप्टोपाइरोसिस। ये रैट वायरल कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि 20 अगस्त से अबतक रैट फीवर के कारण 43 लोगों की जान जा चुकी है। बताया जा रहा है कि रविवार को एक दिन में इस बीमारी ने 10 लोगों की जिंदगी छीन ली। चिंताजनक हालात को देखते हुए केरल के कासरगोड जिले को छोड़कर अन्य 13 जिलों में हाई अलर्ट भी जारी कर दिया गया है।
इस बुखार से ग्रस्त मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। अधिकारियों ने बताया कि लगभग 350 लोगों में रैट फीवर की शिकायत मिली है। इन सभी का इलाज राज्य के विभिन्न हिस्सों में हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, पिछले पांच दिनों में इनमें से 150 मामले सकारात्मक पाए गए हैं। रैट फीवर के अधिकतर मामले कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों से आए हैं।
लोगों से अपील
इस बीच स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि राज्य सरकार सभी आवश्यक और एहतियाती कदम उठा रही है। साथ ही उन्होंने बाढ़ के पानी के संपर्क में आने वाले लोगों से अपील की है कि वह अतिरिक्त सावधानी बपतें। इसके अलावा सफाई के काम में लगे लोगों से ‘डॉक्सीसाइलिन’ की खुराक लेने को कहा गया है। हालांकि सरकार ने हिदायत देते हुए लोगों से बिना डॉक्टर की सलाह के खुद दवा लेने से मना किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, प्रत्येक अस्पताल में सभी जरूरी दवाओं का भंडार है।
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