शिवसेना ने मुखपत्र में कहा यह स्तब्ध करनेवाला है कि केंद्र सरकार ने महिलाओं की शारीरिक क्षमता और मानसिक शक्ति पर सवाल उठाया। उसने कहा कि केंद्र का रुख प्रतिगामी सोच दिखाता है और यह महिलाओं का अपमान है।
सेना ने अपने मुखपत्र में रानी लक्ष्मीबाई, महारानी ताराबाई, रानी चेन्नम्मा, अहिल्याबाई होल्कर की बहादुरी और वीरता का भी हवाला दिया और कहा कि केंद्र ने महिलाओं की क्षमता पर सवाल उठाया।
केंद्र सरकार का इतिहास कमजोर लगता है। संपादकीय में कहा गया है कि आजाद हिंद फौज की कप्तान लक्ष्मी सहगल को कौन भूल सकता है? केंद्र सरकार को अपने व्यवहार में बदलाव लाने की जरूरत है।