मंत्री खटीक ने कहा कि मेरा जीवन खुली किताब है। पांच बार से सांसद हूं। एक व्यक्ति को तकलीफ केवल इसलिए हो रही है कि वो जो अवैध कारोबार कर रहे थे, मैंने उन्हें रुकवाया है। उससे परेशान होकर इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
दमोह पहुंचे केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र खटीक ने पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह का नाम लिए बगैर उन पर पलटवार करते हुए खुली चेतावनी दी। रविवार को दमोह प्रवास पर पहुंचे वीरेंद्र खटीक ने पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह के द्वारा लगाए गए आरोपों पर मीडिया से कहा कि आरोप लगाने वालों को तो कोई रोक नहीं सकता, लेकिन मैं उन्हें खुली चुनौती देता हूं, वह एक आरोप सिद्ध करके बता दें मैं हर तरह की सजा भुगतने तैयार हूं।
वह (मानवेंद्र सिंह) राजनीति में स्वयं के लिए आए हैं। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को, एकात्म मानववाद को नहीं पढ़ा। हम तो हर चौराहे पर चर्चा करने तैयार हैं। उनसे मेरा कहना है कि पहले वह एकात्म मानववाद को पंडित दीनदयाल उपाध्याय को समझें, जिस पूंजीवाद और एकात्म मानववाद की कल्पना उन्होंने की थी, उस पर एक पन्ने की बहस तो हमसे कर लें, फिर हम पर आरोप लगाएं।
मंत्री खटीक ने कहा कि मेरा जीवन खुली किताब है। 29 साल हो गए, जिसमें चार बार सागर से और चौथी बार यहां से सांसद हूं। एक व्यक्ति को तकलीफ केवल इसलिए हो रही है कि वो वहां जो अवैध कारोबार कर रहे थे, मैंने उन्हें रुकवाया है। उससे परेशान होकर इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। मैं केवल उनको नहीं उनके पूरे खानदान को चुनौती देता हूं कि पूरा खानदान और उनके जितने रिश्तेदार हैं एक आरोप सिद्ध करके बता दें। अब जब मुझे उन्होंने छेड़कर बर्रैया के छत्ते में हाथ डाला है तो फिर आरोप लगाने वालों को तैयार रहना चाहिए।
यह है पूरा मामला
भाजपा के पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह ‘भवर राजा’ ने केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दरअसल, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला मंत्री लाल दीवान अहिरवार ने पूर्व मंत्री भवर राजा से शनिवार को शिकायत की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक ने ऐसे व्यक्ति को प्रतिनिधि बनाया है। जो व्यक्ति अपराधी है, हत्या जैसे कई अपराध दर्ज है। इन्हीं आरोपों को लेकर दमोह पहुंचे केंद्रीय मंत्री से मीडिया ने सवाल किया था, जिस पर उन्होंने विरोधियों पर पलटवार किया है। पीएमओ में शिकायत के सवाल पर उन्होंने कहा कि आयातित लोगों से यही अपेक्षा की जा सकती है।