राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ हमला बोलने के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत पर भी निशाना साधा।

‘भारत बंद’ के दौरान इंदौर में छावनी क्षेत्र स्थित संयोगितागंज अनाज मंडी में कांग्रेसों के विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए सिंह ने कहा, ‘भागवत संघ समर्थित भारतीय किसान संघ (बीकेएस) से कहें कि वह नए कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर (आंदोलनरत) किसानों के साथ खड़ा रहे और धरना दे। अगर वह ऐसा नहीं करेगा, तो हम मानेंगे कि आप सब नाटक-नौटंकी केवल वोट के लिए करते हैं और समाज एवं धर्म के नाम पर महज राजनीति करते हैं।’
गौरतलब है कि संघ समर्थित बीकेएस ने सोमवार को कहा था कि वह नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को बुलाए गए ‘भारत बंद’ का समर्थन नहीं करता है, लेकिन इन कानूनों में कुछ सुधार होने चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान दावा किया कि नए कृषि कानूनों के अमल में आने के बाद कॉर्पोरेट क्षेत्र के बड़े उद्योगपति भारत के कृषि उत्पादों का वह विशाल बाजार हथिया लेंगे, जिसका आकार 12 से 15 लाख करोड़ रुपये के बीच आंका जाता है। उन्होंने कहा, ‘बड़े उद्योगपति मनमाने दाम पर किसानों की उपज खरीदेंगे। इससे देश के कारोबारी उनके कमीशन एजेंट बनने को मजबूर हो जाएंगे।’
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने यह दावा भी किया कि अमेरिका सरीखे विकसित देशों के हितों की पैरवी करने वाले विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के दबाव में मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में इस निकाय के साथ गुप्त समझौता किया था और भारत के नए कृषि कानून इस कथित करार का ही परिणाम हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘नए कृषि कानून गरीबों को सस्ता अनाज मुहैया कराने वाली उचित मूल्य की दुकानें और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से फसलों की खरीदी समाप्त करने के षड्यंत्र की शुरूआत हैं, ताकि बड़े उद्योगपति किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों का शोषण कर सकें।’
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