‘कुबेरों’ ने किया कालाधन सफेद, खंगाले जाएंगे बही खाते

08_12_2016-08currency1अंबाला में भी नोटबंदी के बाद कालाधन खपाने का खकल चला। धन कुबरों ने काफी हद तक अपना कालाधन खपा लिया और पुराने नोटों को नई करंसी में बदलवा लिये। लेकिन अब उन पर गाज गिरने तैयारी है।

अंबाला, [दीपक बहल]। यहां भी नोटबंदी के साथ कालेधन को सफेद करने का खेल भी आरंभ हो गया। अपने कालाधन को खपाने के लिए धन कुबेराें ने सारे फंडे अाजमाए और इसमें काफी हद तक सफल रहे, लेकिन अब उन पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। आयकर विभाग ने ऐसे लाेगों की सूची प्रशासन के सहयाेग से बनाई है और ऐसे लोगों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।

जिले के अपनी पुरानी करंसी को खपाने के लिए कुछ उद्योगपति अपने कर्मचारियों को चार-चार महीने का एडवांस वेतन 500 व 1000 के नोटों के रूप में बांट चुके हैं तो कुछ ने रिश्तेदारों के खातों में रुपये जमा करवा दिए। जिले के ग्रामीण क्षेत्र के एक बड़े शिक्षण संस्थान में दाखिले के नाम पर जो लाखों रुपये डोनेशन एकत्रित किया उसे अब खपाने के जुगाड़ में लगे हैं। उधर, प्रदेश की खुफिया एजेंसी ने इनके नामों की सूची जिला प्रशासन को भेज दी है।

खुफिया विभाग ने शिक्षण संस्थान, अस्पताल संचालक, साड़ी शोरूम मालिकों की सूची भेजी

सूत्रों के अनुसार एक रसूखदार उद्योगपति ने एक-एक शोरूम पांच-पांच करोड़ रुपये में बेचा, जबकि रजिस्ट्री कम रुपये की दिखाई। इस उद्योगपति ने अपने बैंक अधिकारियों से बातचीत कर कालाधन सफेद करने का प्रयास तो किया साथ ही रातोंरात काफी सोना भी खरीदा। एक साड़ी के शोरूम मालिक ने 500-1000 रुपये के नोट खपाने के लिए अपने कर्मचारियों व उनके परिवार के माध्यम से रुपये बैंकों में जमा करवाने का प्रयास किया है। ऐसी अनेक जानकारियां खुफिया विभाग ने दी हैं और अब इन पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

दो सप्ताह बाद मिली नामों की सूची

यह सूची प्रशासन तक पहुंचने में करीब दो सप्ताह का समय लग गया। अफसरों का मानना है कि इंटेलीजेंस ने यह सूचना देने में लंबा समय लगा दिया और यह सूचना आयकर विभाग को देकर सीधे छापेमारी होनी चाहिए थी। अब प्रशासन या तो खुद इन रसूखदारों के खाते चेक कराएगा या फिर आयकर विभाग की मदद लेने के लिए पत्राचार होगा। हालांकि इससे नामों की सूचना लीक होने का भी अंदेशा है।

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