कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पार से इस साल आठ महीनों में घुसपैठ की कम से कम दस कोशिशों में कुल 28 आतंकवादी मारे गए हैं।
उत्तरी कश्मीर के जिला कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पार से इस साल आठ महीनों में घुसपैठ की कम से कम दस कोशिशों में कुल 28 आतंकवादी मारे गए हैं। हाल ही में केरन सेक्टर के जुमागुंड इलाके में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ करने वाले एक आतंकवादी को मार गिराया गया। जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की कुल दस बड़ी कोशिशें नाकाम कर दी गईं, जिनमें से ज्यादातर अकेले कुपवाड़ा जिले में हुईं।
28 अक्तूबर को माच्छिल सेक्टर में भारी हथियारों से लैस और उच्च प्रशिक्षित पांच घुसपैठिए मारे गए। एक अक्तूबर को माच्छिल सेक्टर में एलओसी पर दो आतंकी मारे गए। 30 सितंबर को माच्छिल सेक्टर में एलओसी पर दो घुसपैठिए मारे गए।
6 अगस्त को करनाह सेक्टर के अमरोही में घुसपैठ करने वाला एक आतंकी मारा गया। 19 जुलाई को माच्छिल सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश में दो आतंकवादी मारे गए थे। 23 जून को माच्छिल सेक्टर के काला जंगल इलाके में चार आतंकवादी मारे गए।
16 जून को घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया गया, जिसमें केरन सेक्टर के जुमगुंड इलाके में नियंत्रण रेखा पर एक संयुक्त अभियान में पांच घुसपैठिए मारे गए। 24 जून को माच्छिल सेक्टर में एलओसी पर कुल चार आतंकी मारे गए। चार मई को माछिल सेक्टर के पिचनाद इलाके में एलओसी पर कुल दो आतंकवादी मारे गए।
कुपवाड़ा स्थित 28 इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी गिरीश कालिया ने कहा कि सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों से सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है। घाटी में विकास और पर्यटन के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ है। एलओसी के दूसरी ओर से लगातार घुसपैठ की कोशिशें हो रही हैं। ऐसे सभी प्रयासों को सुरक्षा बलों ने विफल कर दिया है। जीओसी ने यह भी कहा था कि पिछले 8 महीनों में 10 प्रयास किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 28 आतंकवादी मारे गए।
बर्फबारी की शुरुआत को देखते हुए घुसपैठ की कोशिशें भविष्य में भी होंगी। जमावड़े और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए घुसपैठियों को बर्फबारी से पहले ही खदेड़ दिया जाता है। नियंत्रण रेखा पर पूरी सतर्कता के साथ जवान तैनात हैं।