नई दिल्ली। अमेरिका में आज (मंगलवार, 3 नवंबर) राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के लिए मतदान किया जाना है। डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी जो बिडेन और रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए ये बेहद खास पल है। इस चुनाव के अलग-अलग चरण हैं। अंत में जो जीतेगा वो जनवरी में पद और गोपनीयता की शपथ लेगा। जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातें:-

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान की शुरुआत सुबह 6 बजे अमेरिकी समयानुसार (शाम 4:30 बजे, भारतीय समयानुसार) होगी। ये मतदान रात 9 बजे तक चलेगा।
3 नवंबर को अमेरिका के सभी 50 राज्यों में वोटिंग होगी। अमेरिकी समयनुसार इस बार वोटिंग सुबह 6 बजे से शुरू होगी और रात 9 बजे तक समाप्त होगी। अमेरिका के सभी 50 राज्यों में एक साथ वोटिंग होगी। इस दौरान देश के करीब 24 करोड़ मतदाता वोट करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए अब तक 9 करोड़ से अधिक लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं। इस बार के कुल मतदाता करीब 24 करोड़ हैं। जो लोग अब तक वोट नहीं डाल सके थे उनको आज अपना वोट डालने का मौका मिलेगा।
अब तक सामने आए चुनाव सर्वेक्षण में डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी जो बिडेन को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बढ़त बनाते हुए बताया गया है।
3 नवंबर को मतदाता इलेक्टर्स का चुनाव करेंगे जबकि 14 नवंबर को यही इलेक्टर्स इलेक्टोरल कॉलेज के लिए वोट डालेंगे और नए राष्ट्रपति का चुनाव होगा। आज होने वाली वोटिंग को पॉपुलर वोट कहा जाता है।
हालांकि इस बार चुनाव परिणाम को लेकर कोई तारीख तय नहीं की है। इसलिए ऐसा भी कहा जा रहा है कि इसमें कुछ विलंब हो सकता है।
इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में 12 लाख भारतीय मूल के रजिस्टर्ड मतदाता भी हिस्सा ले रहे हैं।
मैक्सिको अमेरिका का एक ऐसा राज्य है जहां विदेशी मूल के सबसे अधिक मतदाता हैं। इनकी संख्या करीब 35 लाख तक है। ये राष्ट्रपति चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले राज्यों में एक है।
राष्ट्रपति बनने के लिए चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों को 538 इलेक्टोरल कॉलेज में से कुल 270 पर जीत दर्ज करनी होती है। इलेक्टोरल कॉलेज ही राष्ट्रपति चुनाव में सबसे अहम भूमिका निभाते हैं। अंत में जीतने वाले प्रत्याशी के खाते में ही सारे वोट जाते हैं।
इस बार के चुनाव में पहली बार किसी पार्टी ने भारतीय मूल के व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है। डेमोक्रेटिक पार्टी ने उप-राष्ट्रपति पद के लिए भारतीय मूल की कमला हैरिस
अब तक अर्ली वोटिंग के तहत लगभग दस करोड़ लोग वोट डाल चुके हैं। यह संख्या वर्ष 2016 में डाले गए वोटों का लगभग 68 फीसद है। खास बात यह है कि यहां जीत सिर्फ पॉपुलर वोट से नहीं होती है। राष्ट्रपति बनने के लिए दोनों प्रत्याशियों में से किसी एक को 538 इलेक्टोरल कॉलेज में से 270 में जीत हासिल करनी होगी। इलेक्टर कॉलेज भी एक तरह के प्रतिनिधि होते हैं, जिनका चुनाव होता है।
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