वित्त विभाग की एक टीम मध्य प्रदेश की बजट तैयारियों और उसकी खूबियों का अध्ययन कर लौट आई है। आगे दूसर राज्यों की विशिष्टियों पर भी अध्ययन की योजना है।
शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त विभाग ने बजट की तैयारियों से उसके खर्च तक की कार्यप्रणाली को ज्यादा पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए विभिन्न राज्यों की बजट व्यवस्था का अध्ययन शुरू कराया है।
इसके लिए विशेष सचिव वित्त नील रतन कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है। इस टीम में संयुक्त सचिव वित्त आलोक दीक्षित के अलावा निदेशक पेंशन, एक अपर निदेशक कोषागार व एक मुख्य कोषाधिकारी शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि यह टीम पिछले दिनों मध्य प्रदेश के भ्रमण पर गई थी। टीम ने वहां के अफसरों से बजट बनाने की व्यवस्था की जानकारी हासिल की। पता चला कि एमपी में जिले स्तर से ही ई-सिस्टम पर बजट प्रस्ताव तैयार होते हैं। यहां नीचे से मैनुअल बजट प्रस्ताव आते हैं।
ई-सिस्टम पर तैयार करने का काम वित्त विभाग करता है। एमपी की प्रणाली से बजट तैयारियों में कम समय लगता है और शासन की टीम को अधिक समय मिल पता है। इसके अलावा टीम ने वहां जेंडर बजट, आउट कम बजट व परफार्मेंस बजट के बारे में भी जानकारी हासिल की।
टीम अपनी रिपोर्ट सौंपने की तैयारी कर रही है। टीम की संस्तुतियों की छाप 2019-20 के बजट से नजर आ सकती है।