कुछ अलग होगा 2019-20 के लिए योगी सरकार का बजट…

प्रदेश सरकार आगामी बजट कई नए आकर्षण के साथ पेश करने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए विभिन्न राज्यों में बजट से जुड़े ‘बेस्ट प्रैक्टिसेज’ का अध्ययन किया जा रहा है।कुछ अलग होगा 2019-20 के लिए योगी सरकार का बजट...

 

वित्त विभाग की एक टीम मध्य प्रदेश की बजट तैयारियों और उसकी खूबियों का अध्ययन कर लौट आई है। आगे दूसर राज्यों की विशिष्टियों पर भी अध्ययन की योजना है।

शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त विभाग ने बजट की तैयारियों से उसके खर्च तक की कार्यप्रणाली को ज्यादा पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए विभिन्न राज्यों की बजट व्यवस्था का अध्ययन शुरू कराया है।

इसके लिए विशेष सचिव वित्त नील रतन कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है। इस टीम में संयुक्त सचिव वित्त आलोक दीक्षित के अलावा निदेशक पेंशन, एक अपर निदेशक कोषागार व एक मुख्य कोषाधिकारी शामिल हैं।

अधिकारी ने बताया कि यह टीम पिछले दिनों मध्य प्रदेश के भ्रमण पर गई थी। टीम ने वहां के अफसरों से बजट बनाने की व्यवस्था की जानकारी हासिल की। पता चला कि एमपी में जिले स्तर से ही ई-सिस्टम पर बजट प्रस्ताव तैयार होते हैं। यहां नीचे से मैनुअल बजट प्रस्ताव आते हैं।

ई-सिस्टम पर तैयार करने का काम वित्त विभाग करता है। एमपी की प्रणाली से बजट तैयारियों में कम समय लगता है और शासन की टीम को अधिक समय मिल पता है। इसके अलावा टीम ने वहां जेंडर बजट, आउट कम बजट व परफार्मेंस बजट के बारे में भी जानकारी हासिल की।

टीम अपनी रिपोर्ट सौंपने की तैयारी कर रही है। टीम की संस्तुतियों की छाप 2019-20 के बजट से नजर आ सकती है।

बजट निर्माण में जन भागीदारी का उड़ीसा मॉडल भी नजर में 

प्रदेश सरकार बजट बनाने में आम लोगों की भागीदारी देने पर भी गौर कर रही है। इसके लिए उड़ीसा राज्य की बजट सुझाव प्रणाली पर भी विचार की योजना है। बताया गया है कि उड़ीसा सरकार हर वर्ष के आम बजट के लिए आम लोगों से सुझाव मांगती है। इसके लिए ई-मेल, व्हाटसैप ग्रुप, एसएमएस व टेलीग्राम जैसे आप्शन दिए जाते हैं। पब्लिक फीडबैक से मिले सुझावों को बजट प्रस्तावों में स्थान दिया जाता है।  
 
 

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