किसानों के चल रहे सत्याग्रह को समर्थन देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट की महिला वकील फोरम ने उपवास रखने का फैसला किया है. महिला वकीलों का कहना है कि जिस तरह से कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. उसमें वह भी अपना समर्थन किसानों को देने के लिए एक दिन का उपवास रखेंगी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन ने भी किसानों के प्रदर्शन को अपना सहयोग देते हुए उन्हें कानूनी सहायता देने का प्रस्ताव रखा था. सिख दंगा 1984 के केस लड़ने वाले वकील एचएस फुल्का ने भी कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के प्रदर्शन को अपना पूरा सहयोग देने की बात की थी.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें कृषि मंत्री से अभी तक कोई बैठक का निमंत्रण नहीं मिला है. किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार सभी 3 कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वे वापस नहीं जाएंगे. सभी मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगेगा. सरकार हमारे पास आएगी.
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