संगरूर निवासी दविंदर सिंह ने याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन से हरियाणा पुलिस उसके बेटे का अपहरण कर अपने साथ ले गई। उसे अमानवीय तरीके से पीटा गया और उसकी हालत गंभीर है। पुलिस ने उसे अवैध हिरासत में लिया है और लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। हाईकोर्ट से अपील की गई थी कि उसे हरियाणा पुलिस से छुड़ा कर इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ भर्ती कराया जाए।
युवा किसान प्रीतपाल सिंह के मामले में पंजाब सरकार ने अज्ञात लोगों के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज कर ली है। प्रीतपाल को घटनास्थल पर लेकर जाया जाएगा और उसके बयान के बाद इस एफआईआर के लिए अधिकार क्षेत्र का थाना तय किया जाएगा। यह जानकारी पंजाब पुलिस ने हाईकोर्ट में दी है।
सुनवाई के दौरान प्रीतपाल को लेकर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा तो बताया गया कि उसकी हालत अब कुछ बेहतर है। इस मामले में कानूनी कार्रवाई पर जवाब मांगा गया तो पंजाब सरकार ने बताया कि इस मामले में जीरो एफआईआर दर्ज की गई है। हाईकोर्ट ने एफआईआर में पाया कि न तो इसमें मेडिकल रिकॉर्ड मौजूद है और न ही हत्या के प्रयास की धाराएं जोड़ी गई हैं। इसपर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई और कहा कि कैसे इस प्रकार का काम किया जा सकता है। इस पर पंजाब के एजी की ओर से कहा गया कि इस मामले का रिकॉर्ड हमारे पास सीलबंद मौजूद था और पुलिस वालों के पास यह नहीं होने के कारण एफआईआर में इसका जिक्र नहीं है।
पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा था कि प्रीतपाल के पिता द्वारा अपहरण व बेदर्दी से की गई पिटाई को लेकर डीजीपी को दी गई शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई है। इसी के जवाब में जानकारी के साथ मंगलवार को एफआईआर की कॉपी सौंपी गई है। खास बात यह है कि एफआईआर मंगलवार को ही केस की सुनवाई से ठीक पहले दर्ज की गई है।
प्रीतपाल का बयान
प्रीतपाल ने अपने बयान में कहा था कि हरियाणा पुलिस उसे संगरूर से जबरन उठाकर ले गई और बेदर्दी से उसकी पिटाई की। उसे बेहद गंभीर चोटें आईं जिसके चलते उसे पहले अस्पताल भेजा गया और बाद में हालात गंभीर होने पर पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया।
 Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
 
		
 
 
						
 
						
 
						
 
						
 
						
