सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई शुरू हो गई है. अदालत में किसानों की ओर से ML शर्मा ने कहा कि किसान कमेटी के पक्ष में नहीं हैं, हम कानूनों की वापसी ही चाहते हैं.
एमएल शर्मा की ओर से अदालत में कहा गया कि आजतक पीएम उनसे मिलने नहीं आए हैं, हमारी जमीन बेच दी जाएंगी. जिसपर चीफ जस्टिस ने पूछा कि जमीन बिक जाएंगी ये कौन कह रहा है? वकील की ओर से बताया गया कि अगर हम कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट में जाएंगे और फसल क्वालिटी की पैदा नहीं हुई, तो कंपनी उनसे भरपाई मांगेगी.
चीफ जस्टिस की ओर से अदालत में कहा गया कि हमें बताया गया कि कुल 400 संगठन हैं, क्या आप सभी की ओर से हैं. हम चाहते हैं कि किसान कमेटी के पास जाएं, हम इस मुद्दे का हल चाहते हैं हमें ग्राउंड रिपोर्ट बताइए. कोई भी हमें कमेटी बनाने से नहीं रोक सकता है. हम इन कानूनों को सस्पेंड भी कर सकते हैं. जो कमेटी बनेगी, वो हमें रिपोर्ट देगी.
चीफ जस्टिस की ओर से कहा गया कि अगर समस्या का हल निकालना है, तो कमेटी के सामने जाना होगा. सरकार तो कानून लागू करना चाहती है, लेकिन आपको हटाना है. ऐसे में कमेटी के सामने चीजें स्पष्ट होंगी.
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान किसानों की मांग पर कहा कि पीएम को क्या करना चाहिए, वो तय नहीं कर सकते हैं. हमें लगता है कि कमेटी के जरिए रास्ता निकल सकता है.