अंबाला कैंट से पंजाब व जम्मू की तरफ जाने वाली मालगाड़ियों को दो-दो के अनुपात में चलाया जा रहा है यानी एक मालगाड़ी के साथ दूसरी मालगाड़ी भेजी जा रही है। लंबी मालगाड़ी के संचालन के दौरान अन्य ट्रेनों को बीच रास्ते के स्टेशनों पर भी रोका जा रहा है।
किसान आंदोलन का असर मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों सहित मालगाड़ियों पर भी नजर आने लगा है। करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) पर 40 मालगाड़ियाें का संचालन पूरी तरह से ठप हो गया है। इससे जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित होने के आसार बन गए गए हैं।
फिलहाल डीएफसीसीआईएल के अधीन 15 मालगाड़ियाें का संचालन किया जा रहा है। इसमें कोयले व फूड ग्रेन से संबंधित सामान की सप्लाई की जा रही है। अगर ऐसे ही हालात चले तो आने वाले समय में कोयले का संकट गहरा सकता है और इसका असर पंजाब व हरियाणा पर भी पड़ेगा।
विदित हो कि अंबाला-लुधियाना मुख्य रेलवे सेक्शन प्रभावित होने से और डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर बंद होने से दिल्ली, सहारनुपर, पंजाब, हिमाचल व जम्मू की तरफ से आने वाली मालगाड़ियों को भी मुख्य मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों की मुख्य लाइन पर चलाया जा रहा है। इससे यात्री ट्रेनों का संचालन भी बुरी तरीके से प्रभावित हो रहा है।
अंबाला कैंट से पंजाब व जम्मू की तरफ जाने वाली मालगाड़ियों को दो-दो के अनुपात में चलाया जा रहा है यानी एक मालगाड़ी के साथ दूसरी मालगाड़ी भेजी जा रही है। लंबी मालगाड़ी के संचालन के दौरान अन्य ट्रेनों को बीच रास्ते के स्टेशनों पर भी रोका जा रहा है। चंडीगढ़ से साहनेवाल के बीच 83 किमी का एकल ट्रैक है, इसलिए इस एकल लाइन से ही मालगाड़ियों व मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।
अधिकारी के अनुसार
किसान आंदोलन का असर यात्री ट्रेनों पर ही नहीं बल्कि डीएफसीसीआईएल के कलानौर-शंभू सेक्शन पर भी हुआ है। इस सेक्शन पर मालगाड़ियों का संचालन बाधित हो रहा है। कोयले और फूड ग्रेन से जुड़ी 15 मालगाड़ियों को अब मुख्य लाइन से ही संचालित किया जा रहा है जो कि चंडीगढ़ से होकर न्यू सरहिंद स्टेशन तक जा रही हैं। -पंकज गुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक, डीएफसीसीआईएल, अंबाला।