केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि किसान के “क” और खेती के “ख” से अनजान कांग्रेस सिंडिकेट बिचौलियों का बाजार बचाने को बेचैन है। रविवार को ग्राम धनैली उत्तरी में किसान चौपाल कार्यक्रम में नकवी ने कहा कि कांग्रेस एंड कंपनी, झूठ के झाड़ से सच का पहाड़ छुपाने की कोशिश कर रही है जो कभी कामयाब नहीं होगी।
नकवी ने कहा कि बिचौलियों के चक्रव्यूह को चकनाचूर करने और किसानों की मेहनत की भरपूर कीमत देने की गारंटी हैं कृषि सुधार बिल। कांग्रेस और उसके साथी दल किसान बिल पर भय और भ्रम का भूत खड़ा करना चाहते हैं। जब मोदी सरकार किसानों को सशक्त करने के लिए कदम उठा रही है तो कांग्रेस किसानों को ही गुमराह करने की साजिश रच रही है।
नकवी ने कहा कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक के पारित हो जाने से अब किसानों को अपने फसल के भंडारण और बिक्री की आजादी मिलेगी और बिचौलियों के चंगुल से उन्हें मुक्ति मिलेगी। किसान खरीददार से सीधे जुड़ सकेंगे, जिससे
किसानों की पहुंच अत्याधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी, कृषि उपकरण एवं उन्नत खाद-बीज तक होगी।
किसानों को तीन दिन में भुगतान की गारंटी मिलेगी। किसान अपनी फसल का सौदा सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य के लाइसेंसी व्यापारियों के साथ भी कर सकते हैं, इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा होगी और किसानों को अपनी मेहनत के अच्छे दाम मिलेंगे। देश भर में किसानों को उपज बेचने के लिए वन नेशन वन मार्केट की अवधारणा को बढ़ावा मिलेगा।
नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के गांव, गरीब, किसान के हितों को समर्पित हैं और मोदी की सरकार में किसानों के किसी भी हक को कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। मोदी सरकार में केवल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत ही अब तक किसानों को 92,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है।
नकवी ने कहा कि कांग्रेस और दूसरे विरोधी दल देश के किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं कि कृषि सुधार विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात एमएसपी की व्यवस्था खत्म करने की तैयारी है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कह चुके हैं कि देशभर में एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, कई फसलों की एमएसपी भी बढ़ा दी गई है।
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 रूपये से बढ़ाकर 1975 रूपये, जौ का 75 रू. से बढ़ाकर 1600 रू; चने का 225 रू. से बढ़ाकर 5100 रू.; मसूर का 300 रू. से बढ़ाकर 5100 रू.; सरसों का 225 रू. से बढ़ाकर 4650 रू.; कुसुम का 112 रू. से बढ़ाकर 5327 रू. प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
नकवी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के सशक्तिकरण को प्रतिबद्ध है। 2009-10 में यूपीए के समय कृषि बजट 12 हजार करोड़ था जिसे बढ़ाकर मोदी सरकार ने एक लाख 34 हजार करोड़ रुपये किया। 22 करोड़ से ज्यादा किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं।
पीएम फसल बीमा का लाभ आठ करोड़ किसानों को दिया गया है। मोदी सरकार द्वारा 10,000 नये फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन पर 6,850 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कृषि क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ की घोषणा की गई।
किसानों के लोन के लिए पहले के आठ लाख करोड़ के बदले अब 15 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। “प्रधानमंत्री किसान मान-धन” के तहत किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम 3000 रुपये प्रति माह पेंशन का प्रावधान किया गया है। एमएसपी के भुगतान की बात करें तो मोदी सरकार ने छह साल में सात लाख करोड़ रुपए किसानों को भुगतान किया है जो यूपीए सरकार से दोगुना है।
नकवी ने कहा कि कांग्रेस एंड कंपनी का कहना है कि अनुबंधित कृषि समझौते में किसानों का पक्ष कमजोर होगा और वे कीमतों का निर्धारण नहीं कर पाएंगे, जबकि सच यह है कि किसान को अनुबंध में पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी कि वह अपनी इच्छा के अनुरूप दाम तय कर उपज बेच सकेंगे। यदि किसान अनुबंध से संतुष्ट नहीं होंगे तो किसी भी समय अनुबंध खत्म कर सकते हैं। किसानों के हितों की 100 प्रतिशत गारंटी हैं कृषि सुधार विधेयक।