आज कार्तिक पूर्णिमा का स्नान हो रहा है। भक्तों ने गंगा, सरयू और गोमती नदी में डुबकी लगाई। अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्वालु पहुंचे हुए हैं। पूर्णिमा, रविवार की शाम से ही लग गई थी। इसलिए स्नान कल से ही शुरू हो गए।
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के लिए रामनगरी में भक्तों का रेला उमड़ पड़ा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने रविवार की दोपहर 3:11 बजे पूर्णिमा का मुहुर्त शुरू होने के साथ ही दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू कर दिया है। पूर्णिमा स्नान उदया तिथि में सोमवार की सुबह लाखों भक्त करेंगे। इसको देखते हुए रामनगरी में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।
कार्तिक मेले का शुभारंभ 20 नवंबर की रात चौदहकोसी परिक्रमा के साथ शुरू हुआ था। इसके बाद पंचकोसी परिक्रमा में लाखों भक्त पहुंचे। पंचकोसी परिक्रमा के बाद आस-पास के जिलों से आए भक्त वापस लौट गए थे। अब मेले के आखिरी चरण कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए भक्तों का रेला एक बार फिर से उमड़ पड़ा है। रविवार की दोपहर से रात तक अयोध्या आने वाली ट्रेनों से श्रद्धालु आते रहे। बड़ी संख्या में बस व निजी वाहनों से भी श्रद्धालु आ रहे हैं। रविवार की शाम तक प्रशासनिक आंकड़े के मुताबिक रामनगरी में करीब पांच लाख भक्तों की भीड़ पहुंच चुकी है।
सोमवार की सुबह करीब 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं के सरयू स्नान करने की संभावना है। रविवार की शाम पहुंचे श्रद्धालुओं ने रामलला, हनुमानगढ़ी, कनकभवन समेत अन्य मठ-मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। सरयू तट पर शाम को होने वाली महाआरती में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा। राम की पैड़ी पर लाइट एंड साउंड शो देखने के लिए भी भक्तों की भीड़ देर रात तक डटी रही। जगह-जगह एलईडी के जरिए रामायण का भी प्रसारण भक्तों को आनंदित कर रहा है।
लेजर शो के जरिए रामकथा की प्रस्तुति देखकर भक्त निहाल होते रहे। भक्तों ने मठ-मंदिरों में शरण ली है तो बहुत सारे भक्त राम की पैड़ी परिसर में भी डेरा डाले हुए हैं। वहीं प्रशासन ने रामनगरी में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। एटीएस ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल ली है। प्रमुख मठ-मंदिरों के पास मजिस्ट्रेटों की ड्यूटी लगाई गई है। सीसीटीवी से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है।
आज शाम को होगी देव दीपावली
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का मान उदयातिथि के कारण सोमवार को है, इसी दिन देव दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु का प्रथम मत्स्यावतार हुआ था। इस दिन व्रत, पूजन और दान करने का विधान है। साथ ही गंगा स्नान व तीर्थ स्थान पर स्नान-दान का महत्व है। शाम को शहर में दीपदान होगा।
ज्योतिषाचार्य धीरेन्द्र पांडेय और एसएस नागपाल के मुताबिक, पूर्णिमा का प्रारंभ रविवार को दोपहर तीन बजकर 52 मिनट पर हो गया। समापन सोमवार को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर होगा। इस बार पूर्णिमा तिथि पर कृतिका नक्षत्र और शिव योग का संयोग है। इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में होंगे। दिन में स्नान-दान और शाम को दीपदान का विधान है। कहा जाता है कि देवता धरती पर आते हैं, उनके स्वागत में दीपक जलाए जाते हैं।
कहीं रंगोली बनी तो कहीं दीपदान
मनकामेश्वर घाट पर सुबह से ही रौनक थी। मंदिर की ओर से रंगोली व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। रामाधीन, सीएमएस व आसपास के स्कूलों के बच्चे, सिप्स की छात्राएं मौजूद रहीं। वहीं गोमती आरती के 6865 दिन पूरे होने पर रोटी कपड़ा फाउंडेशन व शुभ संस्कार समिति ने कुड़ियाघाट पर दीपदान किया। 2500 दीपक जलाए गए। कला महाविद्यालय के बच्चों ने सुंदर रंगोली सजाई। समिति की ओर से गोमती में गिर रहे नालों को रोकने की मांग की। इस मौके पर आशीष अग्रवाल, डॉ. विवेक तांगड़ी, पंकज सिंह भदौरिया, अतुल गुप्ता, राजेश आनंद आदि मौजूद रहे।
गोमा की आरती उतारी
गोमती तट पर लोक भारती संस्था ने गोमा की आरती उतारी। लोक भारती के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह के नेतृत्व में शिखा सिंह ,अनिल सिंह विष्णु, अर्चना तिवारी, समाज सेविका डॉ. अंजू वार्ष्णेय, जल दूत नंदकिशोर वर्मा और वन विभाग से शिवांगी आदि दीप जलाए।
यहां पर आज मुख्य आयोजन
– मनकामेश्वर घाट पर शाम 6 बजे 2.51 लाख दीप जलाए जाएंगे। महंत देव्यागिरी के मुताबिक, विभिन्न संगठनों के सहयोग से यह किया जा रहा है।
– प्रातः छह बजे गोमती की महाआरती का आयोजन, कुड़ियाघाट पर होगा। इसके अलावा घरों-मंदिरों में भी दीप जगमगाते हैं।