विवादों में आए आरजेडी नेता कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिकेय सिंह ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि पार्टी की छवि धूमिल नहीं हो, इसलिए उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को झूठा बताया। साथ ही कहा कि वे विभाग बदले जाने से सीएम नीतीश कुमार से नाराज नहीं हैं। उन्होंने बीजेपी पर अपने खिलाफ मीडिया ट्रायल करने के भी आरोप लगाए।
कार्तिक कुमार सिंह ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि बीजेपी को उनका भूमिहार होकर आरजेडी कोटे से मंत्री बनना अच्छा नहीं लगा। इसलिए बीजेपी नेताओं ने उनके खिलाफ मीडिया ट्रायल करवाया। कार्तिक ने कहा कि मैं अच्छे परिवार से हूं। मेरे पिता शिक्षक रहे हैं। मैं खुद भी 27 सालों तक सरकारी स्कूल में शिक्षक रहा। मेरे खिलाफ 2015 से पहले कोई आपराधिक मामला नहीं था। 2015 में जो अपहरण का मामला दर्ज हुआ, उससे भी मेरा कोई लेनादेना नहीं है।
कार्तिक सिंह ने बाहुबली नेता और मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह से नजदीकियों पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि अनंत सिंह हमारे क्षेत्र के विधायक रहे, इसलिए उनसे राजनीतिक संबंध बने। इसे लोग गलत रूप में दिखा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिस अपहरण केस में उनका नाम है, उसमें जांच अधिकारी ने उन्हें निर्दोष साबित कर दिया था। कोरोना काल में इस मामले पर फिर संज्ञान लिया तो फिर से उनका नाम भी आ गया। हमें अदालत पर पूरा भरोसा है। कार्तिक ने कहा कि मंत्री पद इसलिए छोड़ा ताकि उनकी वजह से पार्टी या उनके नेता की छवि धूमिल न हो। कोर्ट से बरी होने के बाद पार्टी जो निर्देश देगी, उसका वे पालन करेंगे।