मानसून की वापसी का काउंटडाउन शुरू हो गया है। बारिश स्लॉग ओवरों में तेज खेलने के प्रयास में है, जबकि एंटी साइक्लोन उसे संभलने का मौका ही नहीं दे रहा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अक्टूबर के पहले हफ्ते तक मानसून की विदाई हो सकती है, लेकिन 11 से 12 दिन में निम्न वायुदाब का क्षेत्र विकसित होने के भी आसार हैं। 2020 में जहां जून में वर्षा कम हुई, वहीं जुलाई में पिछले 49 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। अगस्त में झमाझम बारिश के बाद सितंबर में लोगों को गर्मी व उमस ने अप्रैल-मई का अहसास कराया। इस बार के मानसून की अगर बात की जाए तो इसने 12 साल का रिकार्ड ध्वस्त कर दिया। बीते 20 वर्षों में 2008 में सर्वाधिक 1159.4 मिलीमीटर बारिश हुई थी। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि देश भर में नया मानसूनी सिस्टम नहीं बन रहा है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के पास निम्न वायुदाब का क्षेत्र सक्रिय नहीं हो रहा है, जिसकी वजह से बारिश कराने वाली नम हवा भी मैदानी क्षेत्रों की ओर नहीं आ पा रही हैं।
सुबह गर्मी तो शाम को रहेगी ठंडक
मौसम विज्ञानी के मुताबिक सुबह के समय गर्मी रहेगी, जबकि शाम के वक्त मौसम ठंडा हो जाएगा। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा।
देश भर में सात फीसद अधिक वर्षा
एक जून से 20 सितंबर तक देशभर में 890.4 मिलीमीटर वर्षा हुई है। यह सामान्य से सात फीसद अधिक व दीर्घावधि औसत वर्षा का 107 फीसद है। 2000 से 2007 में 106 फीसद, 2013 में 106 फीसद और 2019 में 110 फीसद वर्षा हुई। पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून औसत के आसपास रहा, जबकि पश्चिम में इसकी कमजोर स्थिति रही। 20 सितंबर तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में 13 फीसद कम बारिश हुई, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 37 फीसद कम वर्षा रिकार्ड की गई।
कानपुर में बारिश की स्थिति
माह बारिश (मिमी)
जून 97.4
जुलाई 446.6
अगस्त 353.2
सितंबर 48.0