कानपुर फर्टिलाइजर एंड सीमेंट लिमिटेड के डायरेक्टर सुनील कुमार जोशी की आत्महत्या के कारण खंगालने में जुटी पुलिस के हाथ कुछ महत्वपूर्ण तथ्य लगे हैं। सुनील के मोबाइल से पुलिस को एक सुसाइड मैसेज भी मिला है, जो उन्होंने खुदकशी से कुछ देर पहले ही चेयरमैन मनोज गौड़ को भेजा था। इसमें उन्होंने बच्चों का ख्याल रखने का अनुरोध किया था। इसके अलावा भी कुछ तथ्य हैं जिन्हें फिलहाल गोपनीय रखा गया है।
आत्महत्या के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया
एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि मौके पर सुनील का मोबाइल मिला था। वाट्सएप चैटिंग चेक की तो पता चला कि सुनील ने आखिरी मैसेज कंपनी के चेयरमैन मनोज गौड़ को किया था। इसमें उन्होंने लिखा है कि वह जा रहे हैं, बच्चे अभी छोटे हैं, उनका ख्याल रखना। सुसाइड नोट में उन्होंने आत्महत्या के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया है, लेकिन आत्महत्या के कारण का भी स्पष्ट उल्लेख नहीं किया। सबसे आखिर में उन्होंने लिखा है ‘लव यू आल’। एसपी पूर्वी ने बताया कि सुनील ने सोशल साइट्स पर क्या पोस्ट किया, इसकी पड़ताल की जा रही है।
बॉस ही नहीं रिश्तेदार भी हैं मनोज गौड़
कंपनी के चेयरमैन मनोज गौड़ कार्यालय में न केवल सुनील के बॉस थे, बल्कि रिश्ते में उनके ससुर भी थे। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक सुनील जोशी की पत्नी मेनका जोशी के पिता अनिल शर्मा, मनोज गौड़ के बहनोई हैं। अनिल शर्मा शहर के पूर्व मेयर रह चुके हैं। अनिल के पिता रतनलाल शर्मा भी महानगर के मेयर रहे थे। जब इस संबंध में अनिल शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें आत्महत्या के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में जब मनोज गौड़ से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
कार्यालय में चल रही थी तनातनी
एसपी पूर्वी के मुताबिक मोबाइल रिकार्ड की जांच में यही सामने आ रहा है कि कार्यालय में सबकुछ ठीकठाक नहीं था। मनोज गौड़ ने पिछले कुछ दिनों में कई बार सुनील को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसकी पुष्टि उनके द्वारा सुनील को किए गए वाट्सएप मैसेज से होती है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘आप कंपनी के बड़े अधिकारी हैं, कभी आप फोन नहीं उठाते तो कभी आपका फोन बंद रहता है। यह अच्छी बात नहीं है।Ó इसका मतलब साफ है कि कार्यालय में कुछ तनातनी की स्थिति थी।
पत्नी व स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल
सुनील जोशी की खुदकशी के बारे में जानकारी मिलते ही पत्नी मेनका जोशी तत्काल रीजेंसी अस्पताल पहुंची। पति की मौत की जानकारी मिलने के बाद वह वापस लौट गईं। अस्पताल के बाहर एक बार वह गुस्से में भी दिखाई पड़ीं, लेकिन कुछ देर बाद कार में बैठकर सीधे कंपनी के गेस्ट हाउस पहुंचीं। यहां तकरीबन डेढ़ घंटे तक रहीं। पुलिस ने उनसे आवश्यक जानकारी ली।
सबसे बड़ा सवाल, किस मुद्दे को लेकर थी बैठक
पुलिस की जांच में सबसे बड़ा सवाल यही है कि छावनी स्थित कंपनी के गेस्ट हाउस में आखिर किस बात को लेकर बैठक होनी थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कंपनी के चेयरमैन मनोज गौड़, वाइस चेयरमैन एके जैन, प्रेसीडेंट एडमिनिस्ट्रेशन अनिल मोहन, और डायरेक्टर स्तर के अधिकारी रमेश चंद्र व वीरेंद्र सिंह यादव पहले से मौजूद थे। मीटिंग दोपहर दो बजे से थी, लेकिन सुनील घर से सुबह पौने नौ बजे बिना कुछ खाए पिए ही निकल लिए थे। वह गेस्ट हाउस पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले मनोज गौड़ के बारे में ही पूछा। उस वक्त मनोज गौड़ बाथरूम में थे। उन्हें बताया गया कि बैठक कुछ देर बाद शुरू होगी। इसके बाद ही वह एक कमरे में चले गए। पुलिस के मुताबिक अभी कोई स्पष्ट कारण तो पता नहीं चला है, लेकिन ऐसा सामने आ रहा है कि कंपनी में स्क्रैप बेचे जाने के किसी मामले को लेकर तनाव चल रहा था। सुनील विवाद के केंद्र बिंदु थे और इसी वजह से यह बैठक बुलाई गई थी।