दिल्ली सरकार भले ही बजट पर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन कांग्रेस ने इस बजट पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे सभी नेताओं ने आप सरकार के बजट को जनता से किया गया छलावा बताया है.
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली का बजट पूरी तरह से छलावा है. पिछले बार के बजट का 30% अभी भी खर्च नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि हर साल बजट को नया नाम दिया जाता है कभी स्वराज बजट, कभी ऑड-ईवन बजट, कभी आउटकम बजट और इस बार इसे ग्रीन बजट बोला गया है लेकिन ये सरकार सिर्फ नाम रख पाती है.
माकन ने कहा कि दिल्ली में बीते 3 साल में एक भी डीटीसी बस नहीं खरीदी गई, दिल्ली में प्रदूषण लगातार बढ़ गया, शिक्षा के क्षेत्र में कोई नया काम नहीं किया गया, लाखों बच्चे स्कूल से दूर हो गए हैं.
शिक्षा के मुद्दे पर लवली का वार
पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने शिक्षा के बजट पर दिल्ली सरकार को जमकर घेरा और कहा कि सरकार लाख दावे करें लेकिन असलियत कुछ और है. लवली बोले कि लाखों बच्चे दसवीं-बारहवीं में फेल हुए हैं. हमारी सरकार में हर साल 34 स्कूल बनते थे, लेकिन केजरीवाल सरकार महज 14 स्कूल बना पाती है.
स्कूलों के हालात पर लवली ने कहा कि 53 स्कूलों में प्रिंसिपल-वाइस प्रिंसिपल एड हॉक के तौर पर कार्य कर रहे हैं. नर्सरी एडमिशन के लिए 2.5 करोड का बजट रखा गया था, पर खर्च केवल 5 लाख हुआ. हम क्लास रूम में सीसीटीवी कैमरे लगाने का विरोध करते हैं. दिल्ली में 1/3 टीचर्स की जगह खाली पड़ी है, लेकिन उसपर कोई कदम नहीं उठाया गया है.
दिल्ली के पूर्व परिवहन मंत्री हारून यूसुफ ने सरकार की परिवहन पॉलिसी और बजट पर तल्ख टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया क्या मोटरसाइकिल इंडस्ट्री से मिले हैं? क्योंकि बीते तीन साल से कोई बस नहीं खरीदी गई है. मेट्रो की राईडरशिप 30 लाख से 25 लाख तक आ गई है. मेट्रो फेज तीन-तीन साल देरी से चल रहा है.
पर्यावरण बजट सिर्फ छलावा- वालिया
इस बजट में जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा थी वह थी पर्यावरण और यही वजह रही कि इसे ग्रीन बजट कहा गया. लेकिन पर्यावरण के मुद्दे पर भी कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहीं किरण वालिया ने इस सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई. किरण वालिया ने कहा कि जब दिल्ली प्रदूषण से जूझ रही थी तब केजरीवाल पंजाब में घूम रहे थे. लोग वापस अब मेट्रो से अपनी गाड़ियों में आ गए हैं, दिल्ली को कूड़े का ढेर बना दिया गया है. नगर निगम को पैसे नहीं दिए जा रहे है.