कांग्रेस पार्टी को कर्नाटक में मिली शानदार जीत के बाद भी अपना मुख्यमंत्री चुनने में काई दिन लग गए। सीएम पद से चूकने वाले नए नवेले उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने चुप्पी तोड़ते हुए बताया है कि आखिर वह क्यों इस पद के लिए राजी हो गए। रामनगर में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उन्हें कुछ सलाह दी है। इसके बाद उन्होंने सीएम बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को छोड़ दिया।
शिवकुमार ने कहा, “आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाने के लिए बड़ी संख्या में वोट दिया, लेकिन आलाकमान ने एक निर्णय लिया। वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुझे कुछ सलाह दी। मुझे उनकी सलाह के आगे झुकना पड़ा। आप धैर्य रखें और प्रतीक्षा करें। आप जो चाहते हैं उसे व्यर्थ नहीं जाने देंगे।”
कर्नाटक में 10 मई को मतदान हुआ था। परिणाम 13 मई को घोषित किए गए। शानदार जीत के बाद भी दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान को गतिरोध तोड़ने और सिद्धारमैया और शिवकुमार में से सीएम पद के लिए किसी एक नेता चुनने में चार दिन लग गए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा दोनों नेताओं के साथ कई दौर की चर्चा की गई। सत्ता के बंटवारे को लेकर गतिरोध जारी रहा। दोनों नेताओं ने दावेदारी ठोकी थी। इस लड़ाई में सिद्धारमैया की जीत हुई। डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम के पद से संतोष करने पड़ा।
बताया गया कि कांग्रेस ने बुधवार को डीके शिवकुमार को दो ऑफर दिए। सूत्रों ने कहा कि पहला विकल्प शिवकुमार को डिप्टी सीएम के साथ-साथ कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख के पद पर बनाए रखना था। उन्हें उनकी पसंद के छह मंत्रालयों की भी पेशकश की गई थी। वहीं, दूसरे ऑफर में उन्हें 2.5-2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी शेयर करना था।
सूत्रों के अनुसार डीके शिवकुमार सत्ता साझा करे के समझौते के लिए सहमत थे, लेकिन पांच साल के कार्यकाल में पहले वह सीएम बनना चाहते थे।