कांग्रेस नेता का महत्वपूर्ण बयान ‘आप’ संग गठबंधन

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) को लेकर कांग्रेस एकतरफ जहां ज्यादातर राज्यों में महागठबंधन से अलग-थलग पड़ती दिख रही है, वहीं पार्टी आज आम आदमी पार्टी (आप) संग गठबंधन को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है।

कांग्रेस के पीसी चाको ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को आप संग गठबंधन को लेकर अंतिम निर्णय लेने वाले हैं। आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। हमें अभी फैसला लेना है कि क्या हम गठबंधन चाहते हैं या नहीं। दोनों पार्टियों में कुछ मतभेद हैं। हमें मोदी और भाजपा को हराना है, इसलिए हम साथ आएंगे।

Lok Sabha Election 2019 को लेकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर लंबे समय से अटकलें लग रही हैं। करीब एक सप्ताह पहले भी दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की घोषणा होने वाली थी, लेकिन अंतिम क्षण में गठबंधन की घोषणा टाल दी गई थी। बताया जा रहा है कि इसके पीछे दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की नाराजगी थी। वह किसी भी शर्त पर आप संग गठबंधन के लिए तैयार नहीं थीं।

आखिरकार गठबंधन की यह माथापच्ची अब खत्म होने के आसार दिखने लगे हैं। AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर सोमवार को भी बातचीत हुई थी। इस मुद्दे पर सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक भी हुई। इस बैठक में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (DPCC) अध्यक्ष शीला और प्रभारी पीसी चाको, तीनों कार्यकारी अध्यक्षों और सभी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष समेत दिल्ली के करीब कई नेता मौजूद रहे।

हालांकि, सोमवार की बैठक के बाद गठबंधन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अब जिस तरह से कांग्रेस नेता पीसी चाको का बयान सामने आया है, उसे देखकर लगता है कि दोनों पार्टियों के नेता सैद्धांतिक तौर पर गठबंधन को तैयार हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक गठबंधन पर मुहर लगने के प्रबल आसार हैं और दोनों के बीच सीटों को लेकर 3-3-1 का फार्मूला बन सकता है। एक सीट, गठबंधन में शामिल होने वाली किसी अन्य पार्टी के लिए छोड़ी जा सकती है।

इससे पहले भी कांग्रेस महासचिव और दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको ने कहा था कि राहुल गांधी फैसला कर सकते हैं कि भाजपा को दिल्ली शिकस्त देने और रोकने के लिए AAP से गठबंधन होगा या नहीं।

ज्ञात हो कि भाजपा को पिछले लोकसभा चुनाव (2014) में 46.39 फीसद मत मिले थे, जबकि कांग्रेस को 15.2 फीसद और AAP को 33.1 फीसद मत हासिल हुए थे। अगर AAP व कांग्रेस के बीच गठबंधन होता है और दोनों पिछला प्रदर्शन दोहराने में कामयाब होती है तो निश्चित रूप से भाजपा के विजय रथ का आगे बढ़ना मुश्किल होगा। इस स्थिति से पार पाने के लिए भाजपा को अपना जनाधार बढ़ाना होगा।

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