कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी पर बवाल हो रहा है. इस पर लखनऊ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तंज कसा है. ट्वीट करके आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कार्यसमिति बैठक से पार्टी को एक सशक्त नेतृत्व देने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन यहां तो उलटा रायता बिखरना शुरू हो गया.
वहीं, एक और ट्वीट में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति महान है, जो भीतर बोला जा रहा है वो अविलंब
हूबहू मीडिया में आ रहा है. इसके साथ ही आचार्य प्रमोद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बयान का समर्थन किया, जो सिब्बल ने राहुल गांधी के आरोप के जवाब में दिया है.
कपिल सिब्बल ने कहा, ‘राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं. मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया. पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मसले पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाए. फिर भी कहा जा रहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं.’
राहुल गांधी के आरोप पर कपिल सिब्बल के अलावा गुलाम नबी आजाद ने भी जवाब दिया. कार्यसमिति बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर वह किसी भी तरह से भाजपा से मिले हुए हैं, तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे. आजाद ने कहा कि चिट्ठी लिखने की वजह कांग्रेस की कार्यसमिति थी.
गौरतलब है कि कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी से पहले चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि इस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की मांग है कि जो पूर्ण रूप से पार्टी को वक्त दे सके.