छपे लेख की खास बात यह है कि इसमें नरेंद्र मोदी पर अगर उंगली उठाई गई है तो राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया गया है. जैसा कि आतिश तासीर के लेख में सवाल उठाया गया- ‘क्या दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र मोदी सरकार का अगला पांच साल झेल पाएगा?’ लेख के लब्बोलुआब से जाहिर है कि इसमें ‘भारत को एक घृणास्पद मजहबी राष्ट्रवाद’ में तब्दील करने के लिए नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की गई है. हालांकि तासीर का लेख कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी बख्शता नहीं दिखाई देता और उनका वर्णन नरेंद्र मोदी से कहीं ज्यादा तिरस्कार के साथ किया गया है. इस लाइन पर गौर करें-‘अनटिचेबल मीडीआक्रिटी’. ये वाक्य राहुल गांधी के लिए लिखे गए हैं जिसका अर्थ है ‘साधारण दर्जे का ऐसा व्यक्ति जिसे समझाया, सिखाया नहीं जा सकता.’ लेख में इससे भी बढ़कर एक बड़ी बात ये लिखी गई कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार की पर्याय (विकल्प) नहीं बन सकती. आतिश तासीर ने लिखा कि ‘कांग्रेस पार्टी के पास वंशवादी विचारधारा से इतर देने के लिए कुछ और नहीं है. लिहाजा कांग्रेस में सियासी समझ (पोलिटिकल इमेजिनेशन) की घोर कमी है तभी राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी को राजनीति में उतारा गया.’

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