अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा का साथ छोड़ते हैं तो कांग्रेस उनका महागठबंधन में स्वागत करेगी। कांग्रेस जदयू की महागठबंघन में वापसी के लिए सहयोगी दलों के साथ विचार करेगी। हालांकि, महागठबंधन का सबसे बड़ा दल राजद इसके लिए तैयार नहीं। कांग्रेस के इस बयान को आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों के तालमेल को ले भाजपा व जदयू के बीच परस्पर विरोधी बयानबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है।
कांग्रेस ने कहा ये बात
बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि नीतीश कुमार अभी फासीवादी भाजपा के साथ हैं। हमें नहीं पता कि उनकी क्या मजबूरी है कि वे महागठबंधन छोड़कर चले गए। दोनों का साथ बेमेल है। इस सवाल पर कि अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में वापसी चाहें तो कांग्रेस क्या करेगी, उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई संभावना बनती है तो कांग्रेस सहयोगी दलों के साथ इसपर जरूर चर्चा करेगी।
भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय महागठबंधन को जरूरी बताते हुए गोहिल ने कहा कि इसका नेतृत्व कांग्रेस करेगी क्योंकि यह सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है। गोहिल ने कहा कि राहुल गांधी सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में जनता राहुल गांधी के नेतृत्व में एकजुट होकर नरेंद्र मोदी जी को परास्त करेगी।
गोहिल जो भी कहें, कांग्रेस की सहयोगी राजद नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी नहीं चाहती। इस बाबत बिहार विधानसभा में जेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव ने हाल में कहा था कि अब नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन के दरवाजे बंद हो चुके हैं।
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