कांग्रेस का आरोप- महाराष्ट्र चुनाव में हुआ हेर-फेर, निर्वाचन आयोग पर साधा निशाना

कांग्रेस ने हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों को स्वीकार करने से इनकार करते हुए इसमें गंभीर हेर-फेर का आरोप लगाया है। पार्टी की शीर्ष नीति नियामक इकाई कांग्रेस कार्यसमिति ने प्रस्ताव पारित कर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को पक्षपातपूर्ण करार देते हुए कहा है कि पूरी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से गंभीर रूप से समझौता किया जा रहा है।

आंदोलन करेगी कांग्रेस

चुनाव से पहले ही इसके नतीजे लक्षित तरीके से तय हो रहे हैं। इवीएम समेत पूरी चुनावी प्रक्रिया को लेकर गहराती चिंताओं के मद्देनजर कांग्रेस ने इस पर राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करने का एलान करते हुए आईएनडीआईए के सहयोगी दलों से शामिल होने का आहृवान किया है। साथ ही कांग्रेस ने महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावी नतीजों की समीक्षा के लिए दो स्तरीय अंदरूनी जांच कराने की भी घोषणा की है।

‘चुनाव आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली’

महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव नतीजों की समीक्षा के लिए कार्यसमिति की साढ़े चार घंटे से अधिक चली लंबी बैठक के बाद प्रस्ताव पारित कर कहा कि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव एक संवैधानिक जनादेश है। मगर चुनाव आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली इसे गंभीर सवालों के घेरे में ला रही है। इसको लेकर समाज का बड़ा वर्ग निराश और आशंकित हो रहा है और इसलिए कांग्रेस इन जन चिंताओं को एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में उठाएगी।

चुनाव में हुई गड़बड़ी

कार्यसमिति स्वीकार करती है कि हरियाणा में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों के विपरीत रहा है। मगर चुनावी गड़बडि़यां हुई हैं जिसने नतीजों को प्रभावित किया है और इन्हें नजरअंदाज किया गया है। महाराष्ट्र में भी कांग्रेस-एमवीए सहयोगियों का प्रदर्शन समझ से परे है और चुनावी नतीजे समझ से परे हैं। कार्यसमिति के अनुसार यह स्पष्ट रूप से लक्षित हेरफेर का मामला प्रतीत होता है।

हरियाणा और महाराष्ट्र जाएगी जांच टीम

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में कार्यसमिति की विस्तारित बैठक में लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस राज्यों के मुख्यमंत्री समेत 81 नेता मौजूद थे। कार्यसमिति की बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र के नतीजों से साफ है कि चुनाव में हेर-फेर हुआ है। इसलिए खरगे ने हरियाणा और महाराष्ट्र में दो स्तरीय अंदरूनी जांच टीम भेजने का फैसला किया है।

आयोग ने की शिकायतों की अनदेखी

एक टीम शिकायतों का जमीनी स्तर पर तकनीकी विशलेषण कर समीक्षा करेगी तो दूसरी राजनीतिक स्तर पर। सवाल केवल इवीएम का नहीं बल्कि पूरी चुनावी प्रक्रिया के साथ समझौता हो रहा है। चुनाव आयोग के जवाब से देश के नागरिक संतुष्ट नहीं है। आयोग ने हरियाणा के 20 विधानसभा सीटों पर बैटरी से जुड़ी हमारी शिकायतों का संतोषजनक जवाब नहीं दिया और महाराष्ट्र में भी वोटर लिस्ट से लेकर अनेक शिकायतों की अनदेखी की गई।

कांग्रेस ने दर्ज कराई शिकायत

जयराम ने कहा कि हम अपना चुनावी फर्ज निभा रहे मगर चुनाव आयोग को भी अपना धर्म निभाना चाहिए और महाराष्ट्र के चुनाव को लेकर कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई गई है। चुनाव आयोग से हमने सोमवार को मिलने का वक्त भी मांगा है। जयराम ने आरोप लगाया कि लोगों के मन में लग रहा कि लक्षित तरीके से चुनावी नतीजे तय हो रहे हैं कि झारखंड आप जीत लो महाराष्ट्र के नतीजे अलग होंगे।

अड़ियल रुख अपना रही मोदी सरकार

कार्यसमिति ने संसद के मौजूदा गतिरोध के लिए मोदी सरकार पर अड़ियल रूख अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अदाणी समूह के भ्रष्टाचार से जुड़े मामले, मणिपुर हिंसा और संभल सांप्रदायिक तनाव से देश का माहौल बिगाड़ने जैसे मुद्दों पर चर्चा नहीं कराया जाना गतिरोध का कारण है। चुनावी हार के बावजूद पार्टी ने जाति जनगणना, अनुसूचित जातियों-जनजातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 फीसद की सीमा को हटाने के साथ राजनीतिक संरक्षण के माध्यम से अर्थव्यवस्था में बढ़ते एकाधिकार पर और बढ़ती महंगाई-बेरोजगारी को कार्यसमिति के प्रस्ताव में प्रासंगिक करार दिया।

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