कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बहरीन पहुंचे हैं. राहुल आज सोमवार को यहां मनामा में 50 देशों से भारतीय मूल के बिजनेस लीडरों से मुलाकात और भारत की अर्थव्यवस्था व आर्थिक मंदी पर चर्चा करेंगे. राहुल का बहरीन दौरा सिर्फ खाड़ी देशों में रह रहे NRI से मुलाकात ही नहीं है, बल्कि इसके सियासी मायने भी हैं. राहुल ने जिस प्रकार अपनी अमेरिका दौरे के जरिए गुजरात की सियासी बिसात बिछाई थी. राहुल ने उसी तर्ज पर बहरीन पहुंचे हैं, जिसे कर्नाटक कनेक्शन के तौर पर देखा जा रहा है.
गौरतलब है कि खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं. इनमें दक्षिणी भारत के लोगों की संख्या अच्छी खासी है, जिसमें खासकर केरल और कर्नाटक मुख्य रूप से हैं. ऐसे में राहुल बहरीन यात्रा को 2019 के लोकसभा और अगले कुछ महीनों में होने वाले कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. खाड़ी के देशों में करीब 35 लाख भारतीय हैं, जो विशेष रूप से दक्षिण भारत से जुड़े हैं. ऐसे में राहुल के इस दौरे का राजनीतिक महत्व भी है, जिसका असर कर्नाटक चुनाव पर पड़ सकता है.
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. राज्य की 224 विधानसभा सीटों में पिछले चुनाव 2013 में कांग्रेस ने 121 सीटें जीतकर बीजेपी से सत्ता छीनकर वापसी की थी. बीजेपी को 40 सीटें मिली थी, जनता दल (एस) को 40 और अन्य को 22 सीटें मिली थी. बीजेपी दोबारा से सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत लगाए हुए है तो वहीं राहुल को सत्ता बरकरार रखने की चुनौती है.
राहुल की बहरीन यात्रा के सियासी मकसद भी निकाले जा रहे हैं. इसे कर्नाटक चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है. क्योंकि कर्नाटक की बड़ी आबादी बहरीन सहित खाड़ी देशों में हैं. जिनके साथ राहुल मिलेंगे, बैठेंगे और चर्चा करेंगे.
राहुल GOPIO (ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपल ऑफ इंडियन ओरिजिन) के प्रतिष्ठित द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के चीफ गेस्ट हैं. बहरीन में राहुल के दौरे का पूरा इंतजाम देखने वाले कांग्रेस नेता मधु गौड़ ने बताया, ‘ये अत्यंत गौरव का क्षण है क्योंकि राहुल जी GOPIO को संबोधित करेंगे.’ GOPIO भारतीय व्यापारियों के लिए एक ग्लोबल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म है, जहां 50 देशों से NRI लोग और भारतीय बिजनेस दिग्गज मिलेंगे.
राहुल प्रवासी भारतीयों के साथ कनेक्ट करेंगे और GOPIO को संबोधित करते हुए मोदी की आर्थिक नीतियों पर सवाल खड़ा कर सकते हैं, जिस प्रकार अमेरिका में उन्होंने सवाल उठाए थे. राहुल की खाड़ी देशों की यात्रा का दक्षिण भारत की राजनीति पर खासा असर डाल सकती है. कांग्रेस इसका फायदा कर्नाटक के चुनाव में भी उठा सकती है. इसीलिए राहुल की बहरीन यात्रा का काम देखने वाले कांग्रेस नेता मधु गौड़ दक्षिण भारत से हैं. इसके अलावा उनके साथ गए कांग्रेसी सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर भी केरल से हैं. जिससे साफ तौर पर समझा जा सकता है.
बता दें कि राहुल गांधी अमेरिका गए थे, उन्होंने वहां अमेरिकी नेताओं से मुलाकात के साथ साथ प्रवासी भारतीयों के बड़े समूह से भेंट की थी, अमेरिका में रहने वाले टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने इस मुलाकात का कार्यक्रम बनाया था. राहुल ने अमेरिका में में रह रहे भारतीय प्रवासियों से मुलाकात और बातचीत के जरिए मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर जमकर हमला किया था.