देश में कोरोना के मामले में लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके कारण देश की कई राज्यों सरकार ने अपने यहां फिर से सख्तियां कर दी है। ऐसा ही कुछ हाल कर्नाटक का भी है। यहां पिछले तीन महीनों के बाद सबसे ज्यादा केस मिले हैं। बीते तीन महीने के अंतराल के बाद 24 घंटे के भीतर कोविड-19 के 348 नए मामले सामने आए हैं। साथ ही राज्य में सकारात्मकता दर बढ़कर 2.11 प्रतिशत हो गई है। इससे पहले राज्य में 3 मार्च को 382 मामले दर्ज किए गए थे। लंबे अंतराल के बाद राज्य में मामले लगभग 350 के आंकड़े को पार कर गए हैं।
कर्नाटक में बढ़ते केसों ने बढ़ाई चिंता
जानकारी के अनुसार, मंगलवार शाम तक कुल 16,474 परीक्षण किए गए। राज्य में सकारात्मकता की बात की जाए तो अप्रैल और मई में जो सकारात्मकता गिरकर 0.23 प्रतिशत पर आ गई थी, वह 2 प्रतिशत के स्तर को पार कर गई है, जिससे राज्य सरकार की चिंताएं भी बढ़ गई है। यहीं नहीं राज्य में मिले 348 नए मामलों में से अकेले बेंगलुरु में 339 मामले सामने आए हैं। कुछ जिलों में चुनिंदा केस ही मिले हैं। राज्य में सक्रिय मामले 2,478 थे। वहीं, राज्य में अब तक कोविड टीकाकरण की 10.94 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं और मंगलवार को 45,809 लोगों का टीकाकरण किया गया।
विशेषज्ञों ने दी चेतावनी
हालांकि, राज्य में बढ़ते कोरोना केस के बीच विशेषज्ञों ने चौथी लहर की आशंका को दूर कर दिया है। जानकारों का कहना है कि जनता को घबराने की जरूरत नहीं है। मामलों की संख्या में अधिक वृद्धि परीक्षणों के कारण है। पिछले एक महीने में कोविड के कारण चार मौतें हुईं और 95 प्रतिशत संक्रमण बेंगलुरु में मिले। राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि 18 व्यक्तियों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जिनमें से केवल चार का इलाज आइसीयू में चल रहा है। बेंगलुरू को छोड़कर राज्य के किसी भी जिले में पिछले एक महीने में 10 से ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि राज्य में कोई नया संस्करण नहीं मिला गया है और सरकार को जनता द्वारा मास्क पहनना सुनिश्चित करने का सुझाव दिया है।
अप्रैल, मई के बाद बढ़े केस
राज्य ने अप्रैल में 7,000-8,000 परीक्षण किए और नए कोविड मामले 100 से कम थे। मई के अंतिम सप्ताह में परीक्षणों को बढ़ाकर 16,000 कर दिया गया और नए मामलों ने 200 का आंकड़ा छू लिया। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार आने वाले दिनों में परीक्षणों की संख्या 20,000 से 30,000 के बीच बढ़ाई जाएगी।