देश का सबसे विकसित स्टेट गुजरात लाखों करोड़ों रुपए के कर्ज में डूबा हुआ है. गुजरात सरकार के मुताबिक यह कर्जा 1 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है, और लगातार बढ़ रहा है. खास बात है कि इस कर्ज पर सरकार एक मोटी रकम ब्याज के रूप में चुका रही है.
लगातार बढ़ रहा है कर्ज
गुजरात के फाइनेंस मिनिस्टर नितिन पटेल ने राज्य विधानसभा में बताया कि 2015-16 के संशोधित अनुमान के मुताबिक गुजरात पर 1,82,000 करोड़ रुपए का कर्ज है, और यह डेट एमाउंट पिछले साल के मुकाबले 18,647 करोड़ रुपए ज्यादा है. लास्ट फाइनांशियल ईयर में राज्य पर 1,63,451 करोड़ रुपए का पब्लिक डेट था. पटेल ने बताया कि 2014-15 में राज्य सरकार ने 19,454 करोड़ रुपए और इसके बाद 24,852 करोड़ रुपए का कर्ज लिया.
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ब्याज में दी गई मोटी रकम
फाइनांस मिनिस्टर नितिन पटेल के मुताबिक 2014-15 में सरकार ने 13,061 करोड़ रुपए का ब्याज दिया और 5,509 करोड़ रुपए मूल रकम लौटाई. इसके बाद 2015-16 में 14,495 करोड़ रुपए ब्याज के दिए और 6,205 करोड़ रुपए मूल राशि के अदा किए. राज्य सरकार ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1.38 लाख रुपए सालाना है.
सबसे ज्यादा कर्ज में ये राज्य
2016 में आरबीआई की ओर जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा कर्ज महाराष्ट्र पर है. राज्य का कर्ज 3 लाख करोड़ से भी ज्यादा है और यह देनदारी 379,360 करोड़ रुपए की हो चुकी है, जबकि ज्यादा कर्ज वाले राज्यों की लिस्ट में यूपी, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्य भी शामिल हैं.