World Cancer Day दुनियाभर में 4 फरवरी को मनाया जाता है। यह मौत के सबसे बड़े कारणों में से एक है। हालांकि, खान-पान की आदतो में थोड़ा बदलाव कर लिया जाए और करेले को इसमें शामिल कर लिया जाए, तो काफी मदद मिल सकती है। करेला खाने में भले ही कड़वा लगे, लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से यह बहुत फायदेमंद है। आप अपने खाने में करेले को शामिल कर कैंसर को होने से रोक सकते हैं।
रोजाना एक गिलास करेले का ज्यूस पीने से अग्नाशय का कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाएं नष्ट होती हैं। अग्नाशय के कैंसर से निपटने में इसके 72 से लेकर 90 फीसद तक सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। इसका जूस ग्लूकोज की कैंसर कोशिकाओं को खत्म करता है।
चूहों पर की गई रिसर्च में पाया गया कि करेले के जूस से चूहों में 64 प्रतिशत ट्यूमर कम हो गया, जो कि कैंसर के इलाज में कीमोथैरेपी की अपेक्षा ज्यादा प्रभावी था। चिकित्सा जगत में यह खोज बहुत महत्वपूर्ण है कि करेले का जूस कैसे कैंसर कोशिशकाओं को नष्ट करता है।
करेले के जूस आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन के अलावा पोटेशियम और विटामिन सी जैसे जरूरी तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। इसीलिए करेले के सेवन के और भी स्वास्थ्य लाभ हैं।
दमा होने पर बिना मसाले की छौंकी हुई करेले की सब्जी खाने से फायदा होता है। पेट में गैस बनने या अपच होने पर करेले का ज्यूस पीना चाहिए। इससे पाचन क्रिया सही रहती है और भूख भी बढ़ती है। उल्टी-दस्त या हैजा होने पर करेले के रस में थोड़ा पानी और काला नमक मिलाकर खाने से तुरंत लाभ मिलता है।
करेला खून में मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है। इसमें आयरन और फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में मौजूद होने की वजह से ऐसा होता है। इसमें मौजूद पोटेशियम शरीर से एक्स्ट्रा सोडियम को अवशोषित करके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है।
करेले में विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) को बढ़ावा देता है। करेले का जूस आंतों को साफ करता है और साथ ही लिवर की कई समस्याओं को ठीक करता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ विटामिन एंड न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक रिसर्च में बताया गया है कि करेले के जूस में मोमोर्डिका चारेंटिया नामक एक तत्व पाया जाता है, ये एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो लिवर को मजबूत करता है।