पुराने समय में इंसान जंगलों में रहता था. तब कपड़े नहीं बने थे, ऐसे में वो सिर्फ पत्तियां लपेट लेते था या फिर जानवरों को मारकर उनकी खाल को पहन लेता था. धीरे-धीरे जब शहरीकरण विकसित हुआ और लोगों को कपड़े पहनने का शुऊर आया, तब उन्होंने कपड़े बनाए, सिलना शुरू किया और फिर डिजाइनों के साथ एक्सपेरिमेंट करने लगे. पर आज, यानी 21वीं सदी में भी कुछ ऐसी जनजातियां हैं, जो आज भी कपड़े नहीं पहनती हैं. बल्कि ये सिर्फ पत्तिया लपेटती हैं. आज हम आपको ऐसी ही 3 जनजातियों (3 tribes that wear leaves) के बारे में बताने जा रहे हैं.
कोमा जनजाति
हदिथी अफ्रीका वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीका के नाइजीरिया (Nigeria, Africa) देश में 3 ऐसी जनजातियां हैं जो कपड़े नहीं, पत्तियां पहनती हैं. इनमें सबसे पहली जनजाति का नाम है कोमा (Koma tribe). कोमा जनजाति के लोग अलांतिका पर्वत पर रहते हैं. 1961 में इन्हें नाइजीरियन माना गया था और अब इनके नाम 17 गांव हैं जो शहरों से बिल्कुल दूर, जंगलों में बने होते हैं. ये लोग पहाड़ों में निर्वस्त्र या फिर पत्तियां लपेटकर ही घूमते हैं. ये लोग आज भी किसानी, और शिकार कर अपना खाना जुटाने पर निर्भर हैं. इसके अलावा ये लोग खेती से जुड़े सामानों को दूसरी जनजातियों से खरीदते हैं.
कंबारी जनजाति
कंबारी (Kambari tribe) नाम की एक एक नाइजीरिया की रहने वाली जनजाति भी बिना कपड़ों के ही रहती है. ये नाइगर राज्य में रहते हैं. यहां के लोग अपने शरीर का सिर्फ निचला भाग ही ढकते हैं, ऊपरी भाग को खुला रखते हैं. निचले भाग को भी तभी ढकते हैं जब उन्हें बाजार में अपने खेतों का सामान बेचने जाना होता है. ट्रांसपोर्ट के लिए ये लोग गधों का प्रयोग करते हैं. ये अपनी ही कंबारी भाषा का प्रयोग करते हैं. इस जनजाति में मर्द, 4 महिलाओं से शादी कर सकते हैं.
जीबू जनजाति
जीबू जनजाति (Jibu tribe) तराबा राज्य में रहती है. ये भी निर्वस्त्र ही रहते हैं, शरीर के कुछ ही भागों को ये ढकते हैं. पत्तियों से ही ये अपने लिए बिस्तर भी बनाते हैं. ये उसी नहर से पानी भी पीते हैं जिससे अन्य जानवर पीते हैं. शादी के लिए पुरुष को, महिला के घरवालों की आर्थिक तौर पर 5 सालों तक देखभाल करनी पड़ती है. इस बीच पुरुष और महिला नजदीक भी आते हैं और अगर इन 5 सालों में वो प्रेग्नेंट नहीं हुई, तो फिर माना जाता है कि भगवान इनकी शादी के खिलाफ हैं.