दरअसल जन्म के समय से ही इस लड़की को क्लब फुट नाम की बीमारी थी जिससे उसका एक पैर मुड़ा हुआ और अविकसित था ।इस वजह से वो हाई हील्स के सैंडल नहीं पहन पाती थी।
वो बताती हैं कि वो हॉकी खेलती थी और उसने चीयरलीडिंग टीम ज्वाइन कर ली थी, जिससे उसने बहुत दर्द होता था। उसे अपने पैरों को लेकर शर्म महसूस होती थी।
16 साल की उम्र में उसके पैर के 5 ऑपरेशन हुए, इससे पैर को आराम तो मिला लेकिन हाई हील्स पहनने की ख्वाहिश पूरी न हो पाई। उसने सोचा कि ऐसे पैर किस काम के जो सपने पूरे करने में रुकावट बन जाएं।
जब वो 17 साल की थीं तो इसी पैर की वजह से उसे सामूहिक नृत्य के दौरान अपमानित होना पड़ा था। वो बताती है कि ‘कपड़े और फैशन मेरा पहला प्यार है इसलिए ये अपमान मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। दीक्षांत समारोह में मेरे दोस्तों के हील्स पहनने से मुझे उनसे बहुत ईष्या हो रही थी’।
अप्रैल 2009 में एक डॉक्टर ने उसे पैर कटवाने का आइडिया दिया। उसने इसपर गौर किया और पैर कटवाने का फैसला किया।
24 जून 2009 को उसके पैर काट दिए गए। लेकिन 5 महीने तक उसके घाव न भर पाए। इस दौरान वो बहुत डिप्रेशन में आ गईं। अगस्त में जब नकली पैर लगाया गया तो उसे राहत मिली और वो नकली पैरो पर हील्स पहनने लगी।