नई दिल्ली: BCCI ने बुधवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ ODI और टी20 श्रृंखला के लिए टीम की घोषणा कर दी है. चयनकर्ताओं ने युवा स्पिन गेंदबाज रवि बिश्नोई को टी20 टीम में मौका दिया है, जो विगत दो वर्षों से IPL में बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे हैं. रवि के लिए उनकी मेहनत और त्याग का फल है. क्रिकेट के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ी और पिता की मर्जी के विरुद्ध खेलना जारी रखा. तमाम रिजेक्शन से भी उनका भरोसा खुद पर कभी कम नहीं हुआ.

वर्ष 2018 में रवि बिश्नोई को क्रिकेट के लिए अपने पिता की इच्छा के खिलाफ जाना पड़ा. वह राजस्थान रॉयल्स (RR) के लिए नेट्स में गेंदबाजी कर रहे थे, हालांकि उस वक़्त उनकी बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली थी. पिता चाहते थे कि बेटा वापस आकर परीक्षा दे, मगर रवि ने वहीं रुकने का फैसला किया और यही से उनके करियर ने करवट ली. बता दें कि रवि आज तक अपने बोर्ड एग्जाम नहीं दे पाए हैं. रवि को अंडर19 वर्ल्ड कप से पहले काफी रिजेक्शन झेलना पड़ा था. वह पहले अंडर16 के ट्रायल्स में रिजेक्ट किए गए, वहीं इसके बाद वह दो बार अंडर19 के ट्रायल्स में भी रिजेक्ट कर दिए गए, मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. लेकिन IPL में राजस्थान रॉयल्स के लिए नेट्स में गेंदबाजी करते हुए वह कोचिंग स्टाफ में शामिल दिशांत याग्निक को प्रभावित करने में सफल रहे.
जिसके बाद रवि अंडर19 वर्ल्ड कप के लिए चुन लिए गए, जहां उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 17 विकेट झटके. साथ ही जापान और न्यूजीलैंड के खिलाफ मैन ऑफ द मैच भी रहे. यहीं से उनके लिए IPL का दरवाजा खुला और किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें अपने साथ जोड़ा. रवि को आज भारतीय स्पिन गेंदबाजी का भविष्य माना जा रहा है. अब टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में उन्हें सीनियर गेंदबाजों से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा साथ ही उम्मीद की जा रही है कि इस स्टार गेंदबाज को अंतिम एकादश में भी चांस दिया जा सकता है.
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